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- धरती का सीना छलनी : खनन माफियाओं द्वारा रेड ऑकर के अवैध खनन से पर्यावरण बर्बाद, प्रशासन मौन
सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। छोटीसादड़ी थाना क्षेत्र और आसपास के इलाकों में रेड ऑकर का अवैध खनन प्रशासनिक लापरवाही और खनन माफियाओं के बुलंद हौसलों के चलते तेजी से बढ़ रहा है। नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर खनन माफिया खेतों में भारी मशीनों से मिट्टी निकाल रहे हैं। यह मिट्टी रातभर डंपरों में भरकर चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और ब्यावर की सीमेंट फैक्ट्रियों में भेजी जा रही है। खनन विभाग की मिलीभगत और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है। रेड ऑकर मिट्टी का यह अवैध खनन क्षेत्र के पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ रहा है। खेतों से लगातार मिट्टी निकाले जाने के कारण न केवल उपजाऊ जमीन खराब हो रही है, बल्कि आसपास की जमीन भी बंजर होने की कगार पर है। वहीं, खनन माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी और ट्रकों का उपयोग कर इस गैरकानूनी काम को अंजाम दे रहे हैं।
अवैध खनन, प्रशासन की नाकामी या मिलीभगत?...
रेड ऑकर खनन के लिए मशहूर बसेड़ी-कुंडाल, नाराणी, जलोदिया केलूखेड़ा और साड़ीखेड़ा जैसे गांवों में खनन माफिया का पूरा नियंत्रण है। प्रशासनिक नियमावली के अनुसार खनन केवल दिन के समय और तय सीमा में किया जा सकता है, लेकिन यहां रात के अंधेरे में जेसीबी और डंपरों का उपयोग कर खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफिया पंजीकृत माइंस से बाहर खनन कर सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से केवल औपचारिक छापेमारी कर खानापूर्ति की जा रही है।
पर्यावरणीय संकट और किसानों की चिंता, प्रशासन की केवल औपचारिक छापेमारी और कार्रवाई
अवैध खनन का सीधा असर खेतों की उर्वरता पर पड़ रहा है। उपजाऊ मिट्टी के खोखले होने से फसलों की पैदावार घट रही है। इसके साथ ही, अवैध खनन से भू-क्षरण और मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन का खतरा भी मंडरा रहा है। लोगों का आरोप है कि खनन माफिया प्रशासन और खनन विभाग की लापरवाही का फायदा उठाते हुए बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रहे हैं। औपचारिक छापेमारी और कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक सीमित है। खनन माफिया तय क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर अवैध खनन कर रहे हैं। पंजीकृत माइंस में पानी भरा होने के बावजूद वे गैर-लाइसेंसी जगहों पर खनन कर रॉयल्टी दिखा रहे हैं। दिन हो या रात, मिट्टी से लदे डंपर सड़कों पर बिना रोक-टोक के दौड़ रहे हैं। ये मिट्टी सीमेंट निर्माण के लिए अन्य जिलों में भेजी जा रही है। इस गोरखधंधे से परेशान क्षेत्रीय निवासियों ने खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इनका कहना है...
जिनके पास माइंस की लीज है, वे अपने तय क्षेत्र में ही खनन करें। यदि कोई अन्य स्थान पर अवैध खनन कर रहा है, तो खनन विभाग को निर्देश देकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यतीन्द्र पोरवाल, एसडीएम, छोटीसादड़ी