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मोहन देशप्रेमी
सीधा सवाल।जावाल। आमजन की व्यथा को लेकर कलमकार ने बहुत अच्छी बात लिखी है, तर्क संगत । कोरोना कालखंड में अक्सर आपने पुलिस वालों को हाथ मे डंडा लिए सड़कों और गलियों में घूमकर कानून की सख्ती से पालना करवाते हुए देखा होगा और इसी क्रम में कानून की पालना ना करने वाले लोगो पर पुलिसवालों ने मुकदमे भी दर्ज किए है । खैर पुलिस का काम है कानून के दायरे में रहकर कानून व्यवस्था को बनाए रखना और आमजन से कानून की पालना करवाना । कई बार कानून की पालना करवाते करवाते पुलिस को यह गलत फहमी हो जाती है कि वह कानून कायदे से ऊपर है । ऐसा ही कुछ कालन्द्री में भी हुआ है जैसे ही कालन्द्री में कोरोना के पहले मरीज को चिन्हित किया जाता है आनन-फानन में पुलिस एवम प्रशासन द्वारा कालन्द्री में आने जाने वाली सभी सड़को पर (बरलूट कालन्द्री स्टेट हाई वे को छोड़कर) कंटीले पेड़ो को कांट कर गिराकर और (कई जगह तो संरक्षित हरे वृक्ष खेजड़ी ) तो कई जगह JCB से गड्ढे खोदकर पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है । ऐसे में वलदरा,सरतरा, कुमा,वराल, डोडुआ, मामावली,सिलोइया,पाड़ीव जैसे गांव कालन्द्री से पूर्ण रूप से कट जाने से इन गांवों में पुलिस, स्वास्थ्य,अग्निशमन जैसी अति आवश्यक सेवाओ की जरूरत होने पर इनका समय पर पहुंचना लगभग असंभव हो जाता है ।
-क्या ब्लांकींगं उपखण्ड मजिस्ट्रेड के आदेशो की अवहेलना नही ?
उपखण्ड अधिकारी एवं उपखंड मजिस्ट्रेट सिरोही के आदेश क्रमांक/न्याय/कोरोना/2020/757 दिनांक 11-05-2020 के अनुसार कालन्द्री आने जाने वाले सभी रास्तो पर बेरिकेटिंग लगाकर मार्ग ब्लॉक किये जाने का आदेश है ताकि अति आवश्यक होने पर बेरिकेट को आसानी से हटाया जा सके । लेकिन पुलिस व प्रशासन को बेरिकेटिंग से ज्यादा आसान एवम सुविधाजनक रोड ब्लॉकिंग लगा ! और पुलिस ने कानून से ज्यादा तहरिज सुविधा को दे डाली । वलदरा सरतरा रोड पर ब्लॉकिंग के चलते कालन्द्री अस्पताल से पोस्ट मॉर्टम किए हुए एक शव को सरतरा ले जाने में 2 घंटे लगे , वही एक और घटना में कल रात को मेहसाणा से चडूआल आ रहे एक परिवार (जिनकी कुछ दिनों पहले कीवरली के पास दुर्घटना हुई थी) को रोड़ ब्लॉकिंग के चलते वलदरा फाचरिया होते हुए चडूआल जाना पड़ा जंहा वलदरा में कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके साथ लूटपाट की ,गनीमत है मामला लूटपाट तक ही सीमित रहा और कोई बड़ा हादसा नही हुआ। इस तरह पुलिस द्वारा विधि विरुद्ध मार्ग अवरुद्ध करने से इन छोटे छोटे गांवो में कोई आपातकालीन स्थिति आ जाए तो लोगो का आवागमन कैसे होगा? क्या कानून किसी भी परिस्थिति में रोड ब्लॉकिंग की अनुमति देता है ? क्या ऐसी रोड ब्लॉकिंग उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश की अवहेलना नही है ?क्या इस लापरवाही के दोषीयों के खिलाफ कानून सम्मत कार्यवाही करने का मांदा किसी अधिकारी में है ? सवाल बहुत है जवाब बस यही है आपातकाल है !महामारी है! जनता भले ह्रदयघात से मर जाए, किसी प्रसूता की समय पर अस्पताल न पहुचने से भले मौत हो जाए ,आप किसी अन्य बीमारी से मर जाओ पर बस कोरोना से नही।