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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार उपखंड स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी गत रात्रि स्थानीय छात्रों व कश्मीरी छात्रों के बीच खाने को लेकर हुआ मामूली विवाद संघर्ष में बदल गया। दोनों ओर से हुई पत्थरबाजी में आधा दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए। पुलिस ने छात्रों के दोनों गुटों की ओर से परस्पर मामले दर्ज कर तीन दर्जन छात्रों को गिरफ्तार किया है। यहां पर कश्मीरी छात्रों के कारण साम्प्रदायिकता की यह तीसरी बड़ी घटना है। जानकारी के अनुसार गत रात्रि मेवाड़ विश्वविद्यालय परिसर में हॉस्टल में रह रहे छात्र भोजन करने मैस में गये थे। यहां पर कश्मीरी छात्रों व स्थानीय छात्रों के बीच पहले खाना लेने की मामूली बात पर झगड़े में बदल गई और लात घूंसे शुरू हो गये। इसकी जानकारी मिलने पर दोनों गुटो के अन्य छात्र भी लामबंद हो गये और मैस से बाहर आकर साम्प्रदायिक नारेबाजी करने लगे और देखते ही देखते आपस में पत्थरबाजी शुरू हो गई। वहां मौजुद सुरक्षाकर्मिर्यों ने बीच बचाव करने का प्रयास किया लेकिन हालात बिगड़ते देख प्रबंधन को सूचना देने के साथ गंगरार थाने को भी सूचना दी और जब तक पुलिस आकर संघर्ष रोकती तब तक दोनों ओर से कई छात्र पत्थरबाजी में घायल हो गए। इसके साथ ही तलवार से हमला करने की बात भी सामने आई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया और झगड़ रहे छात्रों को तितर बितर कर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। घटना के बाद सोशल मीडिया पर काफी विडियो भी वायरल हुवे है। इसमें छात्र नारेबाजी करते हुवे और हथियार लेकर घुटते हुवे देखे जा रहे हैं, जिसकी पुष्टि सीधा सवाल नहीं करता है। इधर, मामले को लेकर गंगरार डिप्टी श्रवण दास संत ने बताया कि यह आपसी झगड़े का मामला है, जिसमें आपस में हुई पत्थरबाजी में दोनों ओर के सात छात्र घायल हुए है। दोनों ओर से मारपीट के परस्पर मुकदमें दर्ज करवाए गये हैं और आज सीसी टीवी फुटेज देखने के बाद दोनों पक्षों के कुल 36 छात्रों को फिलहाल शांति भंग में गिरफ्तार किया है। मामले की जांच की जा रही है। साम्प्रदायिक नारेबाजी को रिपोर्ट में नहीं होना बताया है। गंगरार डिप्टी ने बताया कि रात को ही पुलिस ने छात्रावास की तलाशी ली लेकिन कहीं भी कोई हथियार नहीं मिले हैं। छात्रों के पास डंडे, सरिए आदि थे।
इनका कहना है
यूनिवर्सिटी प्रबंधन के हरीश गुरनानी ने बताया कि छोटा सा मामला हुआ था। कोई विशेष बात नहीं है। विद्यार्थी खाने के समय मैस में थे। हर राज्य के बच्चे यहां पढ़ते हैं। सौहार्दपूर्ण माहौल में रहते हैं। छोटी सी बात पर इनका विवाद हो गया। कैंपस अच्छे से चल रहा है। ऐसा कुछ भी बड़ा नहीं हुआ है। यह सूचना मिलते ही पूरा प्रशासन सक्रिय हो गया था। यह एक क्षणिक आवेश होता है, जिसके वेग में छात्र कालीन समय में गलतियां हो जाती है। पुलिस जाब्ता भी तैनात है। इसकी यूनिवर्सिटी की ओर से एक कमेटी बना कर तहकीकात की जा रही है। अगर कुछ गलत मिलता है तो कार्रवाई की जाएगी।