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राशमी तहसील के रेवाड़ा ग्राम पंचायत का मामला - अब विद्युत लाइन हटाने का प्रयास
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजस्व में नियमों की अनदेखी आम बात से होती जा रही है। इसकी बानगी चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी तहसील क्षेत्र में आने वाली रेवाड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। यहां नियम विरुद्ध जमीन का आवासीय रूपांतरण तहसीलदार के आदेश से कर दिया है। इस संबंध में गत वर्ष प्रार्थी ने भी जिला प्रशासन को शिकायत दी थी, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मौके पर विद्युत लाइन होने के साथ ही केचमेंट एरिया है। इन दोनों ही स्थिति में जमीन का आवासीय रूपांतरण नहीं होता। इसके बावजूद राशमी तहसीलदार के आवासीय रूपांतरण कर दिया। रूपांतरण के एक साल बाद विद्युत लाइन हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
जानकारी में सामने आया कि रेवाड़ा निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत जिला कलक्टर को दी थी। इसमें बताया कि वह रेवाड़ा का स्थाई निवासी होकर काश्तकार है। उसकी रेवाड़ा में संयुक्त खातेदारी की कृषि जमीन है। उसकी जमीन से लगती हुई आराजी संख्या 240 मुख्य रास्ता है, जो वर्तमान में डामरीकृत रोड है। यह रेवाड़ा से सोनियाणा गांव जाता है। शिकायत में आरोप लगाया कि उक्त आराजी से लगाती हुई आराजी संख्या 2055/ 211 रकबा 2 बीघा 2 बिस्वा अवस्थित है। पड़ोसी खातेदार ने आराजी संख्या 248 रास्ते की भूमि अपने कब्जे में कर ली व रास्ता आराजी संख्या 255 / 211 में अवस्थित हो गया है। इसी आराजी में 11 हजार केवी की विद्युत लाइन निकली हुई है, जो की कैचमेंट एरिया में आता है। इसके ऊपर से विद्युत लाइन निकल रही है। इससे उक्त भूमि किसी भी स्थिति में रूपांतरण योग्य नहीं थी। इसके बावजूद उक्त आराजी के संबंध में पटवारी रेवाड़ा ने 26 अप्रैल 2023 को आराजी के संबंध में रूपांतरण को लेकर रिपोर्ट पेश की। इसमें अंकित किया कि मौका अनुसार उक्त भूमि कैचमेंट एरिया नहीं है ना ही उक्त प्रस्तावित भूमि के ऊपर से विद्युत लाइन निकली हुई है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकृत अधिकारी तहसीलदार राशमी ने उक्त रिपोर्ट का अवलोकन किया जाकर रूपांतरण का आदेश पारित कर दिया। शिकायत में आरोप लगाया की मौके पर रूपांतरण आदेश में 18 मीटर भूमि रोड की तरफ छोड़कर रूपांतरण किए जाने का आदेश पारित किया गया है। 18 मीटर छोड़ने के बाद रूपांतरित भूमि में से कोई हक व हिस्सा शेष नहीं रहता है। उक्त तथ्यों को भी प्राधिकारी अधिकारी ने नरेंद्र अंदाज कर 27 अप्रैल को 2023 को आराजी के संबंध में आवश्यक रूपांतरण का आदेश पारित कर दिया। इसमें अधीनस्थ प्राधिकृत अधिकारी तहसीलदार राशमी व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने रूपांतरण नियमों की अवहेलना करते हुए विरोध रूपांतरण का आदेश पारित किया है। मामले में प्रार्थी ने अधीनस्थ प्राधिकृत अधिकारी व उसके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा की गई रूपांतरण की कार्रवाई की संपूर्ण जांच करवा कर कार्रवाई की मांग की है।
लाइन हटाने गए तो हुआ विरोध
जानकारी में सामने आया कि पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में विद्युत लाइन हटाने का प्रयास किया गया। इस दौरान एवीएनएल के अधिकारी भी मौजूद रहे। पुलिस जाप्ता भी मौजूद रहा। लेकिन विरोध करने वाले परिवार सहित ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। विद्युत लाइन हटाने की कार्यवाही का विरोध कर दिया। इस पर निगम के अधिकारी बिना लाइन हटाए मौके से निकल गए। ऐसे में सवाल उठता है कि एक साल पहले रूपांतरण का आदेश हुआ तो फिर अब विद्युत लाइन क्यों हटाई जा रही है।
चौथी बार में भी खाली लौटा दल
इस मामले में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड राशमी के एईएन नरेंद्र पुरी ने बताया कि विद्युत लाइन हटने को लेकर 70 हजार रुपए की राशि जमा कराई हुई थी। इस पर वह विद्युत लाइन हटाने गए थे। इससे पहले भी तीन बार विद्युत लाइन हटाने जा चुके हैं। लेकिन पड़ोसी खेत मालिक एवं ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। इस कार्य को आगामी दिनों में पूरा किया जाएगा।
वर्जन....
जमीन का रूपांतरण गलत तरीके से किया गया। ग्राम पंचायत से एनओसी भी नहीं ली गई। रूपांतरण में सड़क के किनारे साढ़े बारह मीटर जमीन छोड़नी थी जिसे भी नहीं छोड़ा गया। यहां से विद्युत लाइन अभी भी है और पानी के निकलने का कच्चा नाला भी बना है। नियमों की अनदेखी कर रूपांतरण कर दिया। पूर्व में प्रार्थी इसकी शिकायत कर चुका है। तहसीलदार को पूर्व में भी अवगत करवा कर जांच की मांग की।
रतन लाल जाट, सरपंच ग्राम पंचायत रेवाड़ा