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दुर्ग पर निर्माण सामग्री ले जाने पर लगी है रोक
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। ऐतिहासिक चित्तौड़ दुर्ग पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगी हुई है। इसके बावजूद अवैध तरीके से या जबरन निर्माण सामग्री ले जाकर निर्माण करवाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक निर्माण के दौरान हादसा हो गया। इसमें दीवार ढहने से मकान का छज्जा गिर गया। इस हादसे में एक श्रमिक की मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन की सख्ती का भाव कहो या पुरातत्व विभाग की नाकामी कि लगातार अवैध निर्माण हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़ दुर्ग पर पुरातत्व विभाग की और से निर्माण पर रोक लगी हुई है। इसके बावजूद धड़ल्ले से निर्माण हो रहे हैं। दुर्ग पर बिड़ला धर्मशाला के पास मुरली माली का मकान है, जहां निर्माण कार्य चल रहा था। यहां सोमवार दोपहर में हादसा हो गया। यहां कार्य करने के दौरान दीवार ढह गई। इससे मकान का छज्जा भी नीचे जा गिरी। यहां कार्य कर रहे श्रमिकों में हड़कंप मच गया। तेज आवाज सुन कर आस पास के लोग भी मौके पर दौड़ पड़े। यहां श्रमिकों को संभाला तो एक श्रमिक मलबे के नीचे दब गया था। इसे लोगों ने बाहर निकाल तब तक इसकी मौत हो गई। लोगों ने इसे जिला। चिकित्सालय पहुंचाया, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना परिजनों और कोतवाली थाना पुलिस को दी गई। दुर्ग के भी कई लोग मौके पर पहुंचे। हादसे में भदेसर के कन्नौज निवासी पूरण (27) पुत्र घीसू रेगर की दबने से मौत हुई है। बताया गया है कि पुरातत्व विभाग कई बार दुर्ग पर मकान आदि का निर्माण करने वालों को नोटिस दे चुका है। बताया गया कि जिस मकान पर निर्माण चल रहा और हादसा हुआ उसे भी नोटिस दिया गया गया था। एक दर्जन निर्माण करने वालों को कई बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। ना ही अवैध रूप से निर्माण सामग्री ले जाने वालों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। इससे अवैध निर्माण करने वालों के हौंसले बुलंद है। पुलिस ने शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया है। परिजनों के आने के बाद मामले में अग्रिम कार्यवाही होगी।