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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया जी मंदिर में चतुर्दर्शी के अवसर पर खोले भंडार से निकली चढ़ावा राशि की गणना चौथे चरण में भी पूरी नहीं हो पाई है। पांचवे चरण में भंडार से निकले सिक्कों की गणना शेष है। वहीं भंडार और भेंट कक्ष में 18 करोड़ से ज्यादा की चढ़ावा राशि की गणना हो चुकी है। इसके अलावा सोने व चांदी के आभूषण भी निकले हैं। 18 करोड़ में से 14 करोड़ 02 लाख 86 हजार रुपए की राशि भंडार से तथा शेष भेंट कक्ष व ऑनलाइन प्राप्त हुई है।
जानकारी के अनुसार गत दिनों शनिवार को कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भगवान सांवलिया सेठ के दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार राजभोग आरती के बाद का भंडार खोला गया था। शनिवार को पहले चरण की गणना में ठाकुरजी के भंडार से 06 करोड़ 11 लाख रुपए की गणना हुई। पहले चरण की गणना में से शेष बची राशि की गणना मंगलवार को दूसरे चरण के रूप में की गई। इसमें भंडार से 04 करोड़ 20 लाख 45 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई। बुधवार को तीसरे चरण में 03 करोड़ 07 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई थी। वहीं चौथे चरण की गणना गुरुवार हुई। इसमें 64 लाख 41 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई। चार ही चरणों की गणना में भंडार से अब तक कुल 14 करोड़ 02 लाख 86 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई। चौथे चरण की गणना करने के बाद भी भंडार से प्राप्त सम्पूर्ण राशि की गणना नहीं हो पाई। सिक्कों की गणना करना शेष रहा, जो शुक्रवार को होगा। साथ ही भंडार से 565 ग्राम सोना तथा 34 किलो 820 ग्राम चांदी भी प्राप्त हुई। इधर, श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के भेंट कक्ष कार्यालय में नगद व मनीआर्डर के रूप में 04 करोड़ 08 लाख 53 हजार 228 रुपए की राशि प्राप्त हुई। साथ ही भेंट कक्ष कार्यालय में 21 ग्राम 915 मिलीग्राम सोना तथा 322 किलो 955 ग्राम 500 मिलीग्राम चांदी भेंट स्वरूप प्राप्त हुई। गुरुवार को चौथे चरण की गणना करने के दौरान श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, अशोक कुमार शर्मा, ममतेश शर्मा, शम्भू सुथार, भैरूलाल सोनी, नायब तहसीलदार व प्रशासनिक अधिकारी प्रथम घनश्याम जरवाल, लेखाधिकारी राघव शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय नन्दकिशोर टेलर, सम्पदा प्रभारी भैरूगिरी, संस्थापन प्रभारी लेहरीलाल गाडरी, सुरक्षा प्रभारी गुलाब सिंह, सहायक सुरक्षा प्रभारी हरलाल गुर्जर सहित मंदिर मंडल तथा क्षेत्रीय बैंकों के कर्मचारी मौजूद थे।