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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। शहर के निकट माताजी की पांडोली गांव में एक सात फीट लंबे इंडियन रॉक पायथन (अजगर) का रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू के लिए वन्य जीव प्रेमी ने काफी खतरा उठाया। यह सेफ्टी बेल्ट बांध कर रस्सी के सहारे कुएं में उतरा था। इसे ग्रामीणों ने रस्सी खींच कर अंदर उतारा और बाहर खींचा था। सुरक्षित रेस्क्यू होने से ग्रामीण के साथ वन्य जीव प्रेमियों ने भी राहत की सांस ली है। रेस्क्यू अभियान करीब एक घंटे तक चला।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ शहर से करीब 9 किलीमीटर दूर माताजी की पांडोली गांव में शांतिलाल बैरवा के कुएं में एक अजगर दिखाई दिया। यह अजगर कुएं में पानी निकालने की मोटर के पाईप और बिजली के तार पर लिपट कर बैठा था। अजगर की सूचना प्राप्त होते है मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गए। अपनी सुरक्षा के डर से ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। इस पर वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी से संपर्क किया। इस पर वे चित्तौड़गढ़ से अपनी पूरी टीम के साथ 30 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे। यहां देखा तो सामने आया कि कुएं में लगभग 80 फीट की गहराई पर पानी था और अजगर लगभग 30 फीट की गहराई पर बैठा था। टीम ने स्थिति का आंकलन किया और अजगर को सुरक्षित रूप से निकालने की योजना तैयार की। यह रेस्क्यू काफी खरनाक था इसलिए बचाव के काफी प्रयास और समन्वय के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना बनाई गई। टीम के सदस्य मुबारिक को सेफ्टी बेल्ट के साथ रस्सी के सहारे कुएं में उतारने का निर्णय लिया गया। अजगर और खुद को नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित रेस्क्यू का प्रयास किया गया। यहां एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने अजगर को कुएं से सफलतापूर्वक बाहर निकाला। इस पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। टीम ने सभी ग्रामीणों को सांप और उनसे होने वाले खतरों और बचाव के बारे में पूर्ण जानकारी दी। साथ ही ये भी बताया गया कि सांप अपने इको सिस्टम के लिए बहुत जरुरी जीव है। अजगर को वन्य जीव संरक्षण अधिनयम के तहत अनुसूची 1 में रखा गया है, जिसे मारना दंडनीय अपराध है। सर्प दंश होने पर झाड़ फूंक के चक्कर में ना पड़ कर तुरन्त पीड़ित को अस्पताल ले जाना चाहिए। ग्रामीणों ने अपने आसपास अजगर की मौजूदगी से उत्पन्न संभावित खतरों को स्वीकार करते हुए बचाव दल की त्वरित कार्यवाही के लिए आभार व्यक्त किया। अजगर को उसके प्राकृतिक आवास में उचित रिहाई के लिए स्थानीय वन विभाग को सौंप दिया गया। इस पूरे रेस्क्यू आपरेशन को वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी के अतिरिक्त पीयूष कांबले, राम कुमार साहू, राहुल वानखेड़े और मुबारिक खान ने पूरा किया।