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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। यौनाचार मामले में फंसे नगर परिषद के पूर्व सभापति संदीप शर्मा पर पीड़िता के पति ने सदर थाने पर उपस्थित होकर उसकी फर्म के दिए तीन चेक के दुरूपयोग करने का मामला दर्ज करवाया है। शर्मा की बहन व वाहन चालक को भी आरोपी बनाया गया है। शर्मा के यौनाचार मामले से जुड़ी यह पांचवी पुलिस रिपोर्ट है, जबकि शर्मा की गिरफ्तारी पर न्यायालय ने रोक लगा रखी है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पीड़िता के पति ने बुधवार देर रात थाने पर उपस्थित होकर संदीप शर्मा, बहन स्नेहलता शर्मा व संदीप के वाहन चालक रतन बैरागी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करवाया। इसमें आरोप लगाया कि आरोपित शर्मा ने यौनाचार के मूल मामले में समझौते के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से मेरी फर्म लवीन इंटरप्रायजेज के एचडीएफसी बैंक खाते के तीन खाली चैक जो संदीप ने अडाणी गैस का कार्य देने के बदले बतौर सिक्यूरिटी लिये थे में ढाई ढाई लाख यानि कुल साढ़े सात लाख रुपए भर दिए। बाद में उक्त चेक गत 15 फरवरी को बैंक में लगा दिए। प्रार्थी ने मामले में आरोपी बनाए रतन बैरागी पर अडाणी से बेनामी फर्म बना कर पाईप लाईन डालने का कार्य लिया था, जिसे संदीप ही चला रहा था और प्रार्थी को भी काम दिया था। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है। इधर, यौनाचार के मामले में पिछले तीन माह से आरोपी शर्मा की गिरफ्तारी पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा केस डायरी प्रस्तुत नहीं कर पाने से रोक को आगामी 15 अप्रेल तक बढ़ा दी है। वहीं कल हुई एफआईआर इस मामले में पांचवीं रिपोर्ट है। पीड़िता ने सबसे पहले विधायक चंद्रभानसिंह व अन्य पर संदीप तथा उसके ऑडियो वीडियो चोरी कर वायरल करने का आरोप लगाया था। बाद में संदीप पर उसके साथ मारपीट कर पांच साल से यौन शोषण का आरोप लगाया। गिरफ्तारी पर रोक के बाद संदीप ने पीड़िता व उसके पति पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए पीड़िता से संबंध भी रिपोर्ट में स्वीकार कर लिए, इसके बाद पीड़िता ने उस पर हमला करने के उद्देश्य से घर पर संदीप शर्मा की और से गुंडे भेजने का आरोप लगाया और अब यह पांचवा मामला दर्ज हुआ है। सभी मामलों में से विधायक के मामले की जांच सीआईडी (सीबी) कर रही है, जबकि बाकी सभी मामलों की जांच उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक के पास है।