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नगर पालिका क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़कों के सम्बंध में विधानसभा में उठाया प्रश्न

सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा।
राजस्थान की 16 वीं विधानसभा के तृतीय सत्र के अंतर्गत शुक्रवार को पूर्व स्वायत्त शासन मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी ने प्रश्नकाल के दौरान तारांकित प्रश्न के माध्यम से नगर पालिका क्षेत्र निम्बाहेड़ा में विगत पांच वर्षों में नगर पालिका द्वारा सड़क निर्माण, पुनर्निर्माण एवं दुरुस्तीकरण के करवाए गए कार्य एवं खर्च की गई राशि के संबंध में प्रश्न एवं पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितता पर क्या कार्यवाही की जाएगी।
इस पर स्वायत्त शासन विभाग द्वारा बताया गया कि विगत पांच वर्षों में नगर पालिका क्षेत्र में सड़क निर्माण, पुनर्निर्माण एवं दुरुस्तीकरण के 119 कार्यों के लिए 4801.23 लाख रुपये खर्च किये गए तथा राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के अंतर्गत एकीकृत जल प्रदाय परियोजना के तहत 24 घंटे पेयजल आपूर्ति के लिए 115.978 किलोमीटर पाइप लाइन डालने के लिए नगर के समस्त वार्डों की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है।
विधानसभा में विधायक कृपलानी ने पूरक प्रश्न के माध्यम से पूछा कि तत्कालीन नगर पालिका द्वारा 48 करोड़ तथा आरयूआईडीपी के 10 करोड़ के द्वारा सड़क निर्माण एवं दुरुस्तीकरण के बाद भी हुई जर्जर सड़को में किये गए भ्रष्टाचार की जांच करवाकर तत्कालीन पदस्थ अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी? इसका जवाब देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन को बताया कि तत्कालीन समय में नगर पालिका क्षेत्र में जो भी सड़कें बनी, जो अब जर्जर हालत में है उनकी सार्वजनिक निर्माण विभाग चित्तौड़गढ़ के गुणवत्ता जांच अधिकारी के माध्यम से जांच करवाकर, कमी या अनियमितता पाए जाने पर जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, साथ ही जांच अधिकारी को जांच के दौरान विधायक को भी साथ रखने के निर्देश दिए जाएंगे।
विधायक कृपलानी ने सदन को अवगत करवाते हुए बताया कि तत्कालीन कांग्रेस शासन के समय आरयूआईडीपी एईएन का कार्यभार भी नगर पालिका के एईएन को देकर समझौता कर 24 घंटे पेयजल आपूर्ति योजना में चल रहे कार्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। विधायक कृपलानी ने बताया कि वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में करीब 50 किलोमीटर की 83 सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। कृपलानी ने सदन के माध्यम से पूछा कि क्या इन सड़कों की मरम्मत का प्रावधान है, यदि हाँ, तो कब तक इनकी मरम्मत हो सकेगी।
इस पूरक प्रश्न पर मंत्री खर्रा ने कहा कि पूर्व में बनी सड़कों के बारे में जानकारी लेकर गारंटी में होने पर संवेदकों से पुनर्निर्माण करवाई जाएगी, वहीं शेष सड़कों के निर्माण के लिए बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने एईएन स्तर पर लगे कर्मचारी के ऊपर प्रशासनिक अधिकारी को लगाकर निर्माण कार्य में निगरानी रखने के भी निर्देश देने की बात कही।