1617
views
views

सीधा सवाल। चित्तौडग़ढ़। विशिष्ट न्यायालय लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम क्रमांक-1 के न्यायाधीश ने 15 वर्ष पुराने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति और उसकी मां को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और १ लाख ६० हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
विशिष्ट लोक अभियोजक गोपाल लाल जाट ने बताया कि 8 जुलाई 2009 को एक व्यक्ति ने कपासन थाना पुलिस को इस आशय की शिकायत दर्ज कराई कि जीतमल पिता डालचंद कुम्हार निवासी भट्टों का बामनिया व कमला देवी पत्नी लालचंद कुम्हार ने उसकी नाबालिग पुत्री को जबरन घर से निकाला और जीतमल ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपियों ने उसके आपत्तिजनक फोटो खींचकर वायरल करने की भी धमकी दी। इस शिकायत पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। जिसकी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर पीठासीन अधिकारी ने लता गौड़ ने आरोपी जीतमल को दोषी मानते हुए धारा 506 के तहत 2 वर्ष का कठोर कारावास में 5000 जुर्माना, धारा 376 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार का जुर्माना, पोक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया। इसके साथ ही सह आरोपी कमला पत्नी डालचंद कुम्हार को भी धारा 506 के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास में 5000 रुपये जुर्माना तथा पोक्सो एक्ट के तहत 20 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया।