3318
views
views
अभियुक्त को सात साल का कठोर कारावास, 40 हजार रुपए अर्थदंड भी सुनाया, पोक्सो कोर्ट 01 चित्तौड़गढ़ का फैसला

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के चन्देरिया थाना क्षेत्र में चार वर्षीय बालिका के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के प्रयास के मामले में विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-01 की न्यायाधीश लता गौड ने दो माह आठ दिन में फैसला सुनाया है। अभियुक्त को दोषी मानते हुवे अधिकतम 07 वर्ष के कठोर कारावास व 40 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है। चार्जशीट पेश करने के बाद केस ऑफिसर स्किम में चयनित प्रकरण में पुलिस ने जल्दी अनुसंधान किया था।
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ गोपाल जाट ने बताया कि 18 फरवरी 2025 को कस्बा चन्देरिया में चार साल की मासूम से दुष्कर्म का प्रयास हुआ था। इस संबंध में प्रार्थी की और से चन्देरिया थाने पर 19 फरवरी को प्रकरण दर्ज किया। मामले में वांछित अभियुक्त हाउसिंग बॉर्ड कॉलोनी चन्देरिया निवासी 38 वर्षीय सलीम पुत्र मोहम्मद शफी कुरैशी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय में चालान पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 15 गवाह के बयान और 27 प्रदर्शित किए। मामले में पोक्सो कोर्ट क्रमांक 01 की न्यायाधीश ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। अभियुक्त हाउसिंग बॉर्ड कॉलोनी चन्देरिया निवासी सलीम कुरैशी पुत्र मोहम्मद शफी कुरैशी को दोषी पाया। अभियुक्त को धारा 137(2) बीएनएस में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार अर्थदंड, धारा 127(2) बीएनएस में एक वर्ष का कठोर कारावास पांच हजार, धारा 75(2) बीएनएस में तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड, धारा 9(एम)/10 पोक्सो एक्ट में 7 वर्ष का कारावास एवं 20 हजार एवं धारा 11/12 पोक्सो एक्ट में तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड सुनाया। अभियुक्त को अधिकतम सात वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए का अर्थदंड सुनाया। गौरतलब है कि वारदात सामने आने के बाद लोगों के आक्रोश व्याप्त हो गया था। सर्व समाज एवं हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन करते हुवे चंदेरिया में जाम लगा दिया था। अभियुक्त के घर में घुसने का भी भीड़ ने प्रयास किया लेकिन लोगों ने विफल कर दिया। न्यायालय में पेश करने के दौरान अभियुक्त से अधिवक्ताओं ने मारपीट कर दी थी।
पुलिस ने न्यायालय में शीघ्र करवाए गवाहों के बयान
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि
मामले में जांच अधिकारी चंदेरिया सीआई सुनिता गुर्जर ने 28 दिनों में ही न्यायालय में चार्जशीट पेश की। जांच अधिकारी ने 17 मार्च को पेश की चार्जशीट में अभियुक्त को नाबालिग से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के प्रयास करने का दोषी माना था। मामले की गंभीरता के मद्देनजर प्रकरण को केस ऑफिसर स्किम में चयनित कर एएसआई सुरेंद्रसिंह को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया। केस ऑफिसर एएसआई सुरेंद्र सिंह व कोर्ट एलसी कांस्टेबल अशोक कुमार ने गवाहों के न्यायालय में शीघ्र बयान करवाए।पुलिस द्वारा केस ऑफिसर स्किम में लिए गए उक्त प्रकरण में न्यायालय में पैरवी के दौरान 15 गवाहों के बयान करवा कर अभियुक्त को सजा दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही।