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सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा। मध्यप्रदेश के शाजापुर से चोरी हुए 10 लाख रुपये के आयशर लोडिंग वाहन को निम्बाहेड़ा कोतवाली थाना पुलिस की सहायता से जब्त किया गया है। इस मामले में उज्जैन निवासी दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह कार्यवाही कोतवाली थानाधिकारी रामसुमेर मीणा के निर्देशन में एवं सहायक उपनिरीक्षक सूरज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम कानि. वीरेंद्र और देवेंद्र द्वारा संपन्न हुई। शाजापुर निवासी फरियादी श्याम सोराष्ट्रीय ने 23 अक्टूबर 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी लोडिंग गाड़ी, जिसका नंबर एमपी 09 जीजी 2586 है और जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपये है, 21 अक्टूबर की रात शाजापुर के हाट मैदान में खड़ी थी। 22 अक्टूबर की सुबह उसने देखा कि गाड़ी चोरी हो चुकी थी। जीपीएस लोकेशन से पता चला कि वाहन की अंतिम लोकेशन पालखेड़ी के सुपर मार्केट के पास थी, जिसके बाद जीपीएस बंद हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए शाजापुर के पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने कोतवाली थाना प्रभारी बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित कर अज्ञात आरोपियों की पहचान एवं चोरी हुए वाहन की तलाश के निर्देश दिए। सीआई बृजेश मिश्रा ने उपनिरीक्षक राहुल पोरवाल, कानि. जीवन पांचाल, राकेश राठौड़ और अर्जुन सिंह की एक टीम बनाई, जिसने घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस की लास्ट लोकेशन का विश्लेषण किया। पुलिस ने करीब 100 सीसीटीवी कैमरे चेक किए और जावरा तक संदिग्धों का पता लगाया। शाजापुर साइबर सेल के सहयोग से दो संदिग्धों की पहचान उज्जैन निवासी फिरोज (उम्र 29) और जुबेर (उम्र 21) के रूप में की गई। पुलिस टीम ने उज्जैन में दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने शाजापुर से चोरी किए गए वाहन को निम्बाहेड़ा में छिपाने की बात कबूल की। इसके अलावा, उन्होंने देवास जिले से एक माह पूर्व चोरी हुई महिंद्रा पिकअप गाड़ी की चोरी भी स्वीकार की। आरोपियों की निशानदेही पर शाजापुर पुलिस टीम ने निम्बाहेड़ा पुलिस के एएसआई सूरज कुमार और उनकी टीम के साथ मिलकर उदयपुर रोड स्थित सांकरिया ओवरब्रिज के पास सुनसान स्थान से चोरी की गई लोडिंग गाड़ी को बरामद किया। पुलिस ने न्यायालय के आदेश से दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला शाजापुर भेज दिया। इस कार्यवाही में एएसआई सूरज कुमार, कानि. वीरेंद्र और देवेंद्र का विशेष योगदान रहा, जिनकी मेहनत से चोरी हुए वाहन की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी संभव हो सकी।