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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जौहर स्मृति संस्थान के महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत ने बताया कि हाल ही में चित्तौड़गढ़ प्रवास पर आये केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से संस्थान का प्रतिनिधिमंडल मिला और विजय स्तंभ स्थित जौहर स्थल पर प्रतीकात्मक जौहर ज्योति व जौहर का चित्र 3D तकनीक से केंद्र सरकार द्वारा स्थापित करने तथा जौहर भवन पर म्यूजियम एंड हिस्ट्रोरिकल गैलरी विथ लाईट एंड साउंड की स्वीकृत कराने की मांग की।
संस्थान के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह विजयपुर ,उपाध्यक्ष शक्ति सिंह मूरलिया ,महामंत्री शक्तावत ,संयुक्त मंत्री गजराज सिंह बराड़ा आदि ने पत्र सौंपा उसमें लिखा कि चित्तौड़गढ़ की धरती पर एक नहीं तीन-तीन जौहर हुए हैं। 1568 ईस्वी में महारानी फूल कंवर मेड़तणी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में जौहर किया गया जो जन- जौहर के नाम से प्रसिद्ध है। देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर- वीरांगनाओं के बलिदान को अक्षुण बनाए रखने हेतु व आने वाली पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत हो इसके लिए प्रतिवर्ष क्षेत्र कृष्ण एकादशी को जौहर श्रद्धांजलि समारोह (जौहर मेला) आयोजित किया जाता है जिसमें भारतवर्ष से हजारों की संख्या में आमजन वीर- वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र होते हैं यही नहीं विदेशों से भी प्रतिनिधियो सहित विदेशी पर्यटक भी भाग लेते हैं। चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर यहां के इतिहास और संस्कृति को जानने के लिए जौहर स्थल पर लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं अतः जौहर ज्योति व जौहर का चित्र आधुनिक 3D तकनीक से केंद्र सरकार द्वारा स्थापित हो जिसे देखकर प्रेरणा ले सके ।
साथ ही पाश्चात्य संस्कृति की लुभानी छाया से घटते सांस्कृतिक मूल्यों के पुर्न स्थापित करने व स्वतंत्रता स्वाभिमान की प्रेरणा देने का कार्य संस्थान जौहर मेले के माध्यम से कर रहा है ।
15- 20 हजार वर्ग फीट के क्षैत्रफल में निर्मित जौहर भवन जो प्राचीन स्थापत्यकला लोक संस्कृति को उजागर करता है। वीरों के शौर्य, इतिहास व कला संस्कृति के संवर्धन का कार्य कर रहा है।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग विश्व विरासत में शामिल है पर्यटन की दृष्टि से यह दुर्ग व जौहर स्मृति संस्थान महत्वपूर्ण है ऐसे में यहां पर म्यूजियम एंड हिस्ट्रोरिकल गैलरी विथ लाईट एण्ड सांऊड स्थापित किया जाए ।
जिससे आधुनिक तकनीक से इतिहास संस्कृति और लोक कला को आने वाली पीढ़ी को सचित्र ज्ञान कराने में ज्यादा चिरस्थायी सिद्ध होगा ।
मंत्री के साथ चर्चा में स्थापत्य कला की बेजौड़ धरोहर के साथ छेड़छाड़ व निर्माण पर चिंता व्यक्त कर ध्यान आकर्षित किया तथा उचित संवर्धन - संरक्षण करने की बात की ।
पत्र सौंपने के अवसर पर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, गजेंद्र सिंह बानसी ,गंगा सिंह साजियाली, लक्ष्मण सिंह खोर, पूर्व कोषाध्यक्ष नरपत सिंह भाटी पृथ्वीपाल सिंह मान्यास सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।