views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। पंचायत समिति चित्तौड़गढ़ में आने वाले गिलुंड प्राथमिक स्कूल में गुरुवार को दिए मिड डे मिल के भोजन में मरा हुआ मेंढक देख कर स्कूल स्टाफ अवाक रह गया। संस्थाप्रधान ने सूझ बूझ से काम लेते हुवे तत्काल क्षेत्र के पांच स्कूलों में इसकी सूचना दी और बच्चों को भोजन का वितरण रुकवाया। साथ ही अक्षय पात्र योजना से जुड़े स्टाफ को भी इस बारे में अवगत कराया। इस पर स्टाफ स्कूलों में पहुंचा और भोजन पुनः अपने साथ लेकर आए। करीब पांच स्कूलों के 300 बच्चों को आधे अवकाश में भोजन करने के लिए घर भेजा गया।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के कई स्कूलों में अक्षय पात्र फाउंडेशन के तहत दोपहर के अवकाश का भोजन दिया जा रहा है। गुरुवार को भोजन में विद्यार्थियों के लिए खिचड़ी भेजी गई थी। गिलुंड राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में ही प्राथमिक विद्यालय भी संचालित है। यहां कक्षा एक से आठ तक के बच्चे अध्ययन करते हैं। यहां अक्षय पात्र फाउंडेशन से दोपहर का भोजन बच्चों के लिए पहुंचा था। मिड डे मील प्रभारी ने बच्चों को भोजन वितरण से पहले बर्तन में देखा तो मरा हुआ मेंढक दिखाई दिया। इस पर प्रभारी ने संस्थाप्रधान सुनीता शर्मा को जानकारी दी उन्होंने भी बर्तन में खिचड़ी के साथ मरा हुआ मेंढक देखा। इस पर बच्चों को दोपहर का भोजन वितरण नहीं किया। साथ ही समझदारी दिखाते हुवे तत्काल गिलुंड पीईईओ क्षेत्र में आने वाले पांच अन्य स्कूलों में फोन कर इस बारे में अवगत करवाया और विद्यार्थियों को भोजन वितरण पर रोक लगा दी। दोपहर के समय सभी बच्चों को भोजन के लिए घर जाने की छुट्टी दी। करीब 300 से ज्यादा बच्चों को इन पांच स्कूलों में मिड डे मील का भोजन नहीं दिया गया। बाद में अक्षय पत्र फाउंडेशन से जुड़े कर्मचारी भी स्कूल पहुंचे। इन सभी स्कूलों से भोजन लेकर पुनः चित्तौड़गढ़ के लिए रवाना हो गए। साथ ही बच्चों को केले का वितरण करवाया गया। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले की जानकारी मिली तो संस्थाप्रधान से मामले की जानकारी ली है। किसी भी बच्चे को भोजन नहीं दिया गया था। अक्षय पात्र फाउंडेशन के मैनेजर से भी बात की है। इनकी रसोई का अवलोकन किया है। गड़बड़ी कहां हुई, इसकी जांच की जा रही है। इधर, अक्षय पात्र फाउंडेशन के मैनेजर दीपक सोनी ने बताया कि हमारे यहां से खाना सही गया है। हम खाने की जांच भी कर के भेजते हैं। स्कूल से सूचना मिलने के बाद टीम के साथ मौके पर जाकर मामले की जानकारी ली। किसी भी बच्चे को भोजन नहीं कराया था। हम भी जांच कर रहे हैं कि गड़बड़ी कहां हुई है।