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सीधा सवाल। चित्तौडगढ। चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग में वर्ल्ड एंन्टी माईक्रोबियल रेजिस्टेंस अवेयरनेस सप्ताह के दौरान आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ् भवन में किया गया।
डिप्टी सीएमएचओं डॉ मुकेश विजयवर्गीय ने बताया की अनावश्यक गैर जरूरी दवाओ के उपयोग को रोका जाना चाहिये। बिना चिकित्सक के द्वारा लिखी दवाओ का उपयोग नही किया जाना चाहिये। उन्होने आमजन में जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया, प्रत्येक सामान्य बुखार, खासी एंव हाथ पैर दुखने पर मेडिकल से दवाओ को क्रय कर स्व्यं के स्तर से लेना खतरनाक हो सकता है।
सीएमएचओं डॉ गुप्ता ने कार्यालय स्टाफ को एंटीबायोटिक दवाईयां डाक्टर के परामर्श से ही लेने की शपथ दिलाई। डिप्टी सीएमएचओं डॉ. विजयवर्गीय ने वर्चुअल वी.सी के माध्यम से सीएचसी, पीएचसी के चिकित्सकों व नर्सिग स्टाफ से बात की और शपथ दिलाई चिकित्सा संस्थानों पर इन्फेक्शन कंट्रोल हैड विंशिग टेक्नीक की जानकारी और इनके महत्व पर लोगो को जागरूक करने के निर्देश दिये।
सीएमएचओं डॉ गुप्ता ने बताया कि एंटीबायोटिक के अनर्गल उपयोग को रोकने से की रूकेगा एंटीमाईकोबियल रेजिस्टेन्ट, इसके बढते खतरे और इसकी रोकथाम को लेकर इस वर्ष की थीम एजुकेट एडवोकेट एक्ट नाउ पर पूरे सप्ताह 24 नवम्बर तक जागरूकता गतिविधियां होगी। उन्होने बताया कि उपयोग के कारण यह दवाऐं सामान्य संक्रमणो के खिलाफ कम प्रभावी एंटीबायोटिक हमेशा चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहियें ।
इस मौके पर डॉ प्रियंका वर्मा, डॉ भावीनी विजयवर्गीय, खुशवन्त कुमार हिण्डोनिया, डाटा मैनेजर उपस्थित रहे।