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- श्रद्धा के मंच पर सियासी हंगामा, मेला बना अखाड़ा, दो दिनों के आयोजन में मंच पर हंगामा करते रहे पूर्व पार्षद

सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। महाशिवरात्रि का मेला, जो हर साल भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध रहता है, इस बार विवादों का अखाड़ा बन गया। अंतिम दिन आयोजित कवि सम्मेलन में वह हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। नगर पालिका उपाध्यक्ष सीमा उपाध्याय के पति और कांग्रेस से पूर्व पार्षद मनीष उपाध्याय मंच पर चढ़ गए और वहां मौजूद कवियों के बीच माइक पकड़ लिया। पहले तो लोग समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है, लेकिन जब उन्होंने नगर पालिका प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने शुरू किए ओर नगर पालिका उपाध्यक्ष का अपमान का आरोप नगर पालिका प्रशासन पर लगाया, तो माहौल गरमा गया। मंच पर मौजूद आयोजकों और कवियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन उपाध्याय का गुस्सा और बढ़ता गया। इसके पहले भी हुए देशभक्ति एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में भी उपाध्याय ने बवाल किया था। मंच पर पंहुच कर आयोजन में प्रस्तुति देने आए कलाकारों से माइक छीन कर खुद गाने सुनाने शुरू कर दिए। कई बार समझाने के बाद भी वह बवाल करते रहे।
माइक छीना, गाना गाया और लगाए गंभीर आरोप...
मनीष उपाध्याय मंच पर चढ़ते ही पूरे कार्यक्रम पर हावी हो गए। उन्होंने सबसे पहले कवियों से माइक लेकर और खुद बोलने लगे। पहले लोगों को यह मजाक लगा, लेकिन जब उन्होंने नगरपालिका प्रशासन को भ्रष्ट और असक्षम करार देते हुए 70 लाख रुपये के घोटाले का आरोप लगाया, तो माहौल पूरी तरह से बदल गया। उन्होंने मंच से ही पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना की छवि धूमिल करने की साजिश का भी आरोप जड़ा। यह देखकर दर्शकों में भी हलचल मच गई। कुछ दर्शकों ने इस हरकत पर नाराजगी जताई। जैसे-जैसे माहौल बिगड़ता गया, आयोजकों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उपाध्याय मंच छोड़ने को तैयार नहीं थे। आरोपों से माहौल तनावपूर्ण हो गया। पूर्व पार्षद उपाध्याय मंच से उतरने को तैयार नहीं थे। उनके इस बर्ताव से दर्शकों के बीच भी अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग कार्यक्रम स्थल से जाने लगे, तो कुछ ने पूरे घटनाक्रम को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया।
सोशल मीडिया पर हुए वीडियो वायरल, हो रही चर्चा
इस पूरी घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। अब यह मामला स्थानीय राजनीति में तूल पकड़ रहा है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सिर्फ ड्रामा था, जबकि कुछ इसे सोची-समझी राजनीतिक चाल बता रहे हैं। महाशिवरात्रि मेला, जो हर साल श्रद्धा और भक्ति का केंद्र होता था, इस बार राजनीति और विवादों में उलझ गया है।
नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड फिर भी विरोध, मेल में पूरी तरह नदारद रहे कांग्रेस पार्षद
जानकारी में सामने आया है कि नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड है और नगर पालिका उपाध्यक्ष सीमा उपाध्याय कांग्रेस से ही पार्षद है। यही नहीं आरोप लगाने वाले मनीष उपाध्याय कांग्रेस से चुनाव लड़े थे और पार्षद रहे। लेकिन उसके बावजूद अपनी पार्टी के बोर्ड में भ्रष्टाचार का आरोप लगाना कहीं ना कहीं सोचने वाली बात है। दो दिन हुए कार्यक्रम तो समाप्त हो गए लेकिन नगर में चर्चाओं का दौर जारी है। वही, महाशिवरात्रि मेले के दौरान विवाद के चलते कांग्रेस के कई पार्षद पूरे मेले से नज़राद नजर आए।