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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। सिर्फ सोचने मात्र से ही सफलता नहीं मिलती, सतत् लगन परिश्रम का परिणाम ही सफलता है, विद्यार्थी पुस्तकों के फोबिया से निकलकर सहज अध्ययन करते हुए जीवन निर्माण कर सकते हैं, प्रत्येक विद्यार्थी विशिष्ट है, जो नियमित अध्ययन के आत्म बल से विशिष्ट व्यक्तित्व बन सकता है । मातृभाषा की चारों स्किल्स सुनना बोलना पढ़ना लिखना में दक्षता प्राप्त करके विद्यार्थी विषयगत योग्यता प्राप्त कर सकते हैं, उच्चारण शब्द संरचना और शब्दार्थ की सही जानकारी ज्ञान में निपुणता प्रदान करते हैं । दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है, ज्ञान की गहराई में उतरना पड़ता है ।
उक्त विचार शिक्षा विद माधव लाल जाट प्रधानाचार्य सीकर एकेडमी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आसावरा में समय प्रबंधन पुस्तक एवं विद्यार्थी विषयक सेमिनार में व्यक्त किए ।
जानकारी देते हुए मालीराम वर्मा ने बताया कि सेमिनार की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कृत प्रधानाचार्य डॉक्टर गोविंद राम शर्मा ने की, जबकि अतिरिक्त विकास अधिकारी अनिल कुमार टेलर, भामाशाह हरिकिशन मेनारिया, चरलिया प्रधानाध्यापक कालू लाल हरिजन, करेडिया विद्यालय के धर्मराज मीणा, अकोला प्रधानाध्यापक लक्ष्मीनारायण भांड विशिष्ट अतिथि थे । सेमिनार का संचालन महेश कुमार शर्मा ने किया ।