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सीधा सवाल। डूंगला। भारतीय किसान यूनियन चित्तौड़गढ़ ने धरना प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के साथ वित्त मंत्री, सांसद सीपी जोशी को केंद्रीय नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर के साथ नारकोटिक्स उप आयुक्त कोटा , जिला अफीम अधिकारी चित्तौड़गढ़ को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया । धरना प्रदर्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष लेहरू लाल जाट ने की । मुख्य अतिथि भारतीय अफीम किसान विकास समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष मोदी प्रतापगढ़ गांव बोरी रामनारायण चौधरी थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मोड़ीं राम पुरबिया दौलतपुरा, मोहन सिंह जाट बिलोदा, हिम्मत सिंह रोडाहैड़ा, भेरुलाल जाट जाशमा, बिलौटा राम सिंह जाट, धर्म सिंह जाट बिलोदा ,रामस्वरूप जाट बिलोदा, जयपाल औड रीठोला ,राजेंद्र सिंह डागला खेड़ा, दीपक जाट, ईश्वर लाल जाट थे। ज्ञापन में सीपीएस बताया कि सीपीएस पद्धति के डोडे अफीम किसानों के खेतों में सूख गए हैं। चोरों के द्वारा एवं तस्करों के द्वारा खतरा पैदा हो गया है रात को रखवाली करनी पड़ती है। नारकोटिक्स विभाग ने पहले नपती कर ली गई की खेत पर जाकर अब विभाग का कोई भी रोल नहीं है । किसान अपने खेत का डोडा तोड़ने में कोई भी दिक्कत नहीं है। सरकार जिस दिन डोडे का तोल करेगी उसे दिन डोडा लेकर सरकार में जमा करवा देगा । औसत निर्धारित होने के बाद में अधिकारियों को खेत पर जाने का कोई मतलब नहीं रहता है, टीम गठित करने का कोई भी मतलब नहीं है । फालतू किसानों को परेशान करने वाली बात है। इसमें समय भी ज्यादा लगेगा और भ्रष्टाचार बढ़ेगा। ज्ञापन में किसानों ने भारत सरकार से मांग की है गत वर्ष 7 किलो प्रति आरी था और इस साल सरकार ने 8 किलो प्रतिआरी कर दी है। निवेदन है की वापस 7 किलो प्रति आरी की जावे । सीपीएस पद्धति के डोडे चुरे का भाव₹200 किलो सरकार किसानों से खरीदतीं है जिसको किसानों से ₹1000 रुपये प्रति किलो के भाव से दिए जावे 1980 से 1994 तक रुके हुए अफीम के पट्टे ऑनलाइन किया जाए। और 1998 से 2003 तक के रुके हुए सभी अफीम के लाइसेंस 25 किलो औसत के हिसाब से जारी किए जावें। रुके हुए सभी अफीम के लाइसेंस वापस दिए जावे । नये अफीम किसानों को भी लाइसेंस दिए जावे । लैचिंग पद्धति में अफीम का भाव ₹10000 प्रति किलो दिया जाए । मॉर्फिन तीन प्रतिशत की जावे । सभी किसानों को 15 आरी के लाइसेंस दिए जावे । किसान संघ ने कहा कि सरकार ने हमारी मांगे नहीं सुनी तो बहुत बड़ा आंदोलन किया जाएगा । धरने के मौके पर सेकड़ो किसान उपस्थित थे।