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आहोर । कोरोना का खौफ हर किसी के जीवन में इस तरह छा गए हैं कि हजारों किमी दूर से अपने घर लौटे लोगों को अब अपनों से दूर रहना पड़ रहा है देशावर से लौटने वाले अपने को दूर देखकर खुश हो रहे हैं पिछले दिनों करीब डेढ़ माह से कोरोना संक्रमण में फैलाव को रोकने के लिए चल रहे लॉक डाउन के बीच अन्य राज्यों में कई मजदूर परिवारों की घर वापसी का सिलसिला इन दिनों जारी है पिछले 10 दिनों से आहोर ब्लॉक में हजारो प्रवासी की घर वापसी हुई हैं यह सभी लोग अपने परिवार के साथ अन्य प्रांतों में मजदूरी करने को गए हुए थे ।उनके निजी वाहनों से यात्री बसों को किराए पर लेकर अपने घर को लौटने को मजबूर हैं ।
-हजारों किमी दूर से पहुंचे फिर भी दूर
हजारों किमी दूर से आए प्रवासी अपने घर आकर भी अपनों से दूर रहकर सरकारी नियमों की पालना कर रहे हैं घाणा गांव में तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर से आएं प्रवासी अपने घर में परिवार से दूरी बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं घर आने की सूचना मिलते ही परिवार वालों ने उनके लिए अलग रहने के लिए घर में कंच्चा छपरा बना दिया जिसमें खाट-बिस्तर व दैनिक सामान के साथ पानी से भरी मटकी भी रख दी खाने पीने से बर्तन अलग से दे दिए इसकी साफ-सफाई प्रवासी खुद कर रहे हैं । खाना घर से बनकर उनके बर्तन में रखा जा रहा है गांव से बाहर से आने वाले लोगों को इन दिनों इसी प्रकार के होमक्वारटाईन किया जा रहा है ।
इनका कहना है
घर आने के बाद परिवार वालों से अलग रहकर सरकारी नियमों की पूरी तरह से पालना की जा रही है बचाव ही उपचार है।
उमेद पटेल प्रवासी
इनका कहना है
10 दिन से घाणा गांव में दक्षिण भारत से प्रवासी अपने घर लौटे हैं सभी की स्क्रीनिंग के बाद निगरानी कमेटी ने होम क्वारटान कर सख्ती से नियमों की पालना करने के निर्देश दिए गए हैं
*गीता देवी प्रजापति वार्ड पंच ग्राम पंचायत घाणा*