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छोटीसादड़ी। जलोदिया केलूखेड़ा में ग्रामवासियों के सहायोग से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का आयोजन आमली बावजी मंदिर प्रांगण पर रविवार से प्रारंभ हुई। इससे पूर्व ग्रामवासियों द्वारा कलश एवं पौथी यात्रा निकालकर कथा स्थल पर पहुचे। श्रीमद् भागवत ज्ञानगंगा महोत्सव के प्रारंभ में चारभुजानाथ मंदिर से ढोल-ढमाको के साथ प्रातः 10 बजे भव्य मंगल कलश एवं पौथी यात्रा प्रारंभ हुई जो की बोड़ी माता, गायरी मोहल्ला, सुथारो का मोहल्ला, ब्राम्हण मोहल्ला से परिभ्रमण करती हुई आमली बावजी मंदिर कथा पांडाल में पहुंची। इस पावन मंगल कलश एवं पौथी यात्रा में बालिकाओं एवं महिलाओ ने मंगल कलश एवं समाज सेवी मन्नालाल रावत द्वारा अपने सिर पर पौथी सिरोधार्य कर चल रहे थे। भव्य कलश एवं पौथी यात्रा में ब्रम्हाण नायक भगवान श्री सांवलिया की प्रतिमा विमान में विराजमान किए हुए थी जिसको भक्तो द्वारा कंधो पर उठाकर चल रहे थे। कथा के प्रारंभ में मन्नालाल रावत द्वारा पौथी पुजन किया गया। समाजसेवी बंसतीलाल जाट, लालचंद जाट, जगदीश जाट, भेरूलाल जाट, रामस्वरूप जाट, राकेश जाट, राहुल जाट, मनोहर जाट, अजीत जाट, सरंपच पति राकेश रावत, नारायण बैरागी लाईनमेन, नंदलाल पंडित, गेंदमल जाट आदि गांव के वरिष्ठजन मंगल कलश एवं पौथी यात्रा में विशेष रूप से शामिल थे। श्रीमद भागवत कथा पंडित पुरणदास बैरागी ने अपने मुखारविन्द से पांडाल में उपस्थित श्रोताओ को ज्ञानगंगा प्रवाहित करते हुए कहा की व्यक्ति सुख-समद्धि की चाह तो रखता है परन्तु सच्चा सुख प्राप्त करना हो तो धर्म का अनुशरण करना होगा। संतो के चार गुण बताते हुए कहा की प्रथम सीलवान, द्वितीय समाधि, तृतीय प्रज्ञा और चौथा आराधना। जिन संतो में अगर यह चार गुण विध्यमान है वही सच्चा संत है। आज लोग मरने-मारने से नही सत्संग से डरते है। धर्म ही सच्चा सुख देकर मुक्ति पथ पर पहुंचता है हमे हमेशा लगातार धर्म कार्य करते रहना चाहिए। सारे वेदो का सार ही श्रीमद् भागवत ग्रंथ है। भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। भागवत ग्रंथ को मोक्षदायिनी कहा गया है। साप्ताहिक श्रीमद् भागवत ज्ञानगंगा प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक पंडित पुरणदास बैरागी के मुखारविंद से प्रवाहित किए जा रहे है। कथा का श्रवण करने के लिए क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है।