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सिने पर्दे पर अभिनय को जीने वाली अभिनेत्रीः स्मिता पाटिल हिंदी फिल्मों की ऐसी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा में नये रंग भरे। उनका फिल्मी सफर महज 10 साल और जीवन केवल 31 साल का रहा लेकिन अभिनय के क्षेत्र में उन्होंने ऐसी छाप छोड़ी, जिसे भुलाया न जा सकेगा। उन्होंने हिंदी सिनेमा में अभिनेत्रियों के हिस्से में आने वाली भूमिकाओं को नया चेहरा दिया। 17 अक्टूबर 1955 को पुणे में पैदा हुईं स्मिता पाटिल का 13 दिसंबर 1986 को मुंबई में आकस्मिक निधन हो गया।
फिल्मी दुनिया में आने से पहले स्मिता पाटिल ने बांबे दूरदर्शन में मराठी समाचार वाचिका के तौर पर सेवाएं दीं। `चरणदास चोर' से फिल्मी सफर शुरू करने वाली स्मिता पाटिल ने फिल्मों में मध्यम व निम्नवर्ग की महिलाओं की भूमिका को जीवंत कर दिया। नारीवादी होने के नाते उन्होंने फिल्मों में भी महिलाओं से जुड़े मुद्दे व किरदारों को प्रमुखता दी। `भूमिका', `मंथन', `चक्र', `निशांत', `बाजार', `मिर्च मसाला', `नमक हलाल' जैसी दर्जनों फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा मराठी, गुजराती, बांग्ला, तेलुगु, कन्नड़, मलयाली फिल्मों के लिए भी काम किया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
अन्य अहम घटनाएं:
1817: अलीगढ़ ओरिएंटल कॉलेज के संस्थापक सर सैय्यद अहमद खां का जन्म।
1870: कलकत्ता बंदरगाह को संवैधानिक निकाय प्रबंधन के तहत लाया गया।
1888: वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन ने ऑप्टिकल फोनोग्राफ के पेटेंट के लिए आवेदन किया।
1906: आध्यात्मिक गुरु स्वामी रामतीर्थ का निधन।
1912: बुल्गारिया, यूनान और सर्बिया ने ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की।
1917: प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटेन ने पहली बार जर्मनी पर हवाई हमले किये।
1933: सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन जर्मनी छोड़ कर अमेरिका चले गए।
1936: सुप्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह का जन्म।
1979: मदर टेरेसा को शांति का नोबेल पुरस्कार।
1970: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का जन्म।