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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़।
आचार्य श्री आदिसागर जी (अंकलीकर) परंपरा के चतुर्थ पट्टाचार्य आचार्य श्री सन्मति सागर जी मुनिराज के लघुनंदन, प्राकृत ज्ञान केसरी, प्राकृत मार्तण्ड राष्ट्र संत आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से एवं सकल दिगम्बर जैन समाज व पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के तत्वाधान में नव निर्मित श्री आदिनाथ जिनालय का भव्यतम श्रीमद् आदिनाथ जिनबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ बुधवार सुबह आचार्य श्री विद्यासागर मांगलिक धाम से प्रारम्भ शोभायात्रा के साथ प्रारम्भ हो गया है। यह समारोह 20 से 25 नवम्बर तक कैलाशपुरी मधुवन स्थित अयोध्या नगरी में आयोजित किया जा रहा है। मंगल विधान प्रतिष्ठाचार्य महावीर जैन गींगला के कर कमलों द्वारा सम्पन्न कराये जायेंगे।
पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजन के तहत आचार्य श्री सुनील सागर जी मुनिराज ससंघ 19 नवम्बर को दुर्ग स्थित सात बीस देवरी मंदिर पधारे तथा वहाँ से बुधवार सुबह मांगलिक धाम पधारे। आचार्य श्री के पधारने के साथ ही मांगलिक धाम से शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। शोभायात्रा जैन मांगलिक धाम से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गो से होती हुई प्रतिष्ठा स्थल कैलाशपुरी मधुवन (अयोध्या नगरी) पहुंची। जहां ध्वजारोहण, गर्भ कल्याण (पूर्वार्द्ध) के तहत महाध्वज स्थापना, प्रतिष्ठा पाण्डाल का उद्घाटन, जिनेन्द्र अभिषेक, प्रतिष्ठा मंगल कलश, याग मण्डल कलश, जाप्य कलश स्थापना, अखण्ड दीप स्थापना, पाद प्रक्षालन, आचार्य श्री के मंगल प्रवचन एवं आशीर्वाद आदि के साथ छह दिवसीय मांगलिक आयोजन होंगे। शोभायात्रा में अहिंसा रथ के साथ ही पन्द्रह बग्गियां, दो हाथी, पांच ऊँट गाड़ी सहित तीन बैण्ड आकर्षण के केन्द्र रहे। धर्मावलम्बी पारम्परिक वेशभूषा मे शोभायात्रा मे शामिल रहे। यह महोत्सव गहन आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। वहीं पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आयोजित अनुष्ठानों ने भक्तों को आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा प्रदान की।
छह दिवसीय यह आयोजन समूचे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक अवसर है।