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छह माह में ग्राम पंचायत के घर-घर किया सर्वे, सरपंच श्याम लाल शर्मा की पहल लाई रंग
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी। इस योजना में देश के हर शहर और गांवों में खाते खोलने शुरू किए गए थे। इस योजना में चित्तौड़गढ़ जिले की विजयपुर ग्राम पंचायत अन्य स्थानों के मुकाबले थोड़ा अग्रणी दिखाई दे रही है। ग्राम पंचायत के सरपंच श्याम लाल शर्मा की पहल पर ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाली प्रत्येक पात्र कन्या का सुकन्या समृद्धि योजना में खाते खुलवा दिए है। विजयपुर सहित ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवों में घर-घर सर्वे करवाए और खाते खुलवाने की पहल की है। ऐसे उदाहरण है ही नहीं कि गांवों में सुकन्या योजना में सरपंच ने अपने निजी खर्च पर खाते खुलवाए हो।
जानकारी के अनुसार देश के प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। यह एक सरकार समर्थित बचत योजना हैm इस योजना के जरिए कोई भी अभिभावक अपनी बेटी के भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं। करीब 9 साल से जारी इस योजना में कई परिवारों ने निवेश किया है। लेकिन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना पूरी तरह से नहीं पहुंची। सभी कन्याओं के इस बचत योजना में खाते नहीं खुले हैं। वहीं चित्तौड़गढ़ जिले की विजयपुर ग्राम पंचायत जो कि मध्यप्रदेश की बॉर्डर पर स्थित है और पहाड़ी क्षेत्र में होकर पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश का क्षेत्र है, जहां यह अच्छी पहल की गई है। प्रधानमंत्री के सपनों को ऊंचाई देने के लिए सरपंच श्यामलाल शर्मा ने कुछ हट कर करने की सोची। इसमें ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाली सभी कन्याओं को बचत योजना से जोड़ने का निर्णय किया। इसके लिए विजयपुर में डाक विभाग के पोस्टमार्टर से संपर्क किया। कुल खातों की संख्या के बारे में जानकारी ली गई। बाद में ग्राम पंचायत क्षेत्र के गांवों में घर-घर जाकर सर्वे कर खाते खुलवाने का कार्य किया गया। लोग इस योजना में खाते नहीं खुलवा रहे थे। इसके लिए सरपंच, डाक विभाग व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर खाते खुलवाए हैं।
110 खाते नए खुले, अब 350 हुई संख्या
इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए सरपंच ने विजयपुर पोस्टमैन साहिल चौधरी से बात की। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। ऐसे में लोगों को जागरूक करना पड़ा।करीब छह माह में करीब 110 खाते खुलवाए गए। इससे अब विजयपुर पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि योजना के खातों की संख्या करीब 350 तक पहुंच गई है। सरपंच का दावा है कि सुकन्या समृद्धि खाते नहीं खुले ऐसी एक भी बालिका ग्राम पंचायत क्षेत्र में नहीं है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया सर्वे
इस अभियान के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। घर-घर जाकर सर्वे का कार्य किया। जिनके खाते नहीं थे उनकी जानकारी ग्राम पंचायत तक पहुंचाई और परिवार के लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया। इसमें करीब तीन से छह माह का समय लगा। इसमें एक से दस वर्ष की आयु तक की बालिकाओं के खाते खुलवाए गए।
छोटी बचत भविष्य में आएगी काम - शर्मा
सरपंच श्यामलाल शर्मा ने बताया कि हर कन्या समृद्ध हो तथा छोटी बचत भविष्य में काम आएगी। इसी उद्देश्य को लेकर यह कार्य किया गया है। भविष्य में बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेगी तो यह बचत काम आएगी।
बजट कम, मेहनत ज्यादा थी
इधर, जानकारी में सामने आया कि इस योजना को ग्राम पंचायत क्षेत्र में लागू करने के लिए मेहनत ज्यादा करनी पड़ी है। वैसे तो खाते खुलवाने में करीब 10 हजार रुपए ही व्यय हुवे जो सरपंच ने अपने निजी खर्च से दिए हैं। यह राशि बहुत अधिक नहीं है लेकिन मेहनत ज्यादा थी। गांवों में मजदूरी करने वाले परिवारों को ढूंढ कर उन्हें बचत खाता खुलवाने के लिए प्रेरित करना था। कुछ बालिकाएं जरूर शेष रह है, जो कि इसके लिए तैयार नहीं है और काफी बार जाने के बाद भी दस्तावेज तैयार नहीं कर रहे।