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सीधा सवाल। चित्तौडग़ढ़। जिला कलक्टर आलोक रंजन के निर्देशानुसार गुरुवार रात्रि को राशमी उपखण्ड के नेवरिया ग्राम के विद्यालय प्रांगण मे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (भू.अ.) रामचंद्र खटीक की उपस्थिति मे जनसुनवाई आयोजित की गई। जनसुनवाई मे ग्रामीणों द्वारा पेयजल की समस्या उठाने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को अवैध कनेक्शन की जाँच करने के साथ ही समस्या के तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए। रात्रि चौपाल में कृषि विभाग, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की ग्रामीणों को जानकारी दी। जनसुनवाई मे 30 से अधिक प्रकरण प्राप्त हुए, प्रकरणों में 11 हजार केवी की लाईन के तार हटवाने, बिजली के अत्यधिक बिल आने, कृषि भूमि को आबादी मे कन्वर्ट करवाने, खेत पर जाने का रास्ता देने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि दिलाने, पट्टे बनाने, पाइप लाईन डालने, खेल मैदान का प्रस्ताव भिजवाने, देवस्थान भूमि पर अवैध कब्ज़ा हटवाने, विद्यालय की चार दीवारी बनाने सहित विभिन्न समस्याओं पर चर्चा कर संबधित अधिकारियो को निस्तारण के निर्देश दिए। जनसुनवाई में तहसीलदार एवं गिरदावर को निर्देश दिए कि अवैध अतिक्रमण की जाँच कर कार्रवाई करें।
इस दौरान प्रधान दिनेश बुनकर, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित, एसडीएम अंजना शर्मा, तहसीलदार, विकास अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद दशोरा, अधीक्षण अभियंता अजमेर विद्युत वितरण निगम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक जितेंद्र गढ़वाल, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर शंकर लाल जाट, कृषि विस्तार है संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार जागा, जनप्रतिनिधि, सरपंच, जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
होनहार विद्यार्थियों का किया सम्मान
जनसुनवाई में जिला एवं स्टेट लेवल पर पदक जीतने वाले एवं 10वीं 12वीं में अच्छे अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक ने विद्यार्थियों को कहा कि पढ़ने की कोई समय सीमा नहीं होती। नियमित रूप से पढ़ाई से ही उच्च पद पर पहुंचना संभव है। अगर आप नियमित नहीं पढ़ोगे तो मंजिल पहुंचना मुश्किल है। उन्होंने कहाकि विद्यार्थी 10वीं एवं 12वीं तक तो अच्छे पढ़ते हैं फिर कॉलेज में जाकर पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते यह सबसे बड़ी समस्या है। अगर बच्चे निरंतर पढ़ाई करते रहे तो हर मंजिल पर पहुंचना आसान है।