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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भारतीय रिजर्व बैंक के उप महाप्रबंधक विकास अग्रवाल ने वित्तीय साक्षरता के महत्व पर चर्चा की और बताया कि महिलाओं के लिए वित्तीय योजना बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल को कैसे विकसित किया जा सकता है, ताकि वे अपने वित्तीय निर्णयों को और अधिक प्रभावी तरीके से ले सकें।
वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रमुख सुनील कुमार जा ने ऋण योजनाओं, बीमा उत्पादों और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी। सहायक महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक प्रचुर गुप्ता ने भी विभिन्न ऋण योजनाओं और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर महत्वपूर्ण चर्चा की।
सहायक महाप्रबंधक, कवीश कुमार शर्मा बीआरकेजीबी ने वित्तीय साक्षरता के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक आलोक रंजन ने वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न प्रकारों और उनसे बचाव के उपायों पर एक सूचनात्मक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में महेंद्र डूडी ने डिजिटल सुरक्षा और साइबर धोखाधड़ी से बचाव के बारे में जानकारी दी, जबकि अभिषेक भंडेगांवकर ने नोट वापसी नियमों और जाली नोटों की पहचान के विषय में चर्चा की। अंत में, सागर पवार ने क्विज़ का आयोजन किया और सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए।
इस सफल शिविर के आयोजन में सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए, चित्तौड़गढ़ के अग्रणी जिला प्रबंधक परेश टांक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस कार्यक्रम को वित्तीय ज्ञान के प्रसार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
यह शिविर वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और लोगों को अपने वित्तीय निर्णयों को समझदारी से लेने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।