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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रमांक 2 के पीठासीन अधिकारी श्री सिद्धार्थ सांधू ने चेक अनादरण के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अभियुक्त जानकी लाल जाट को एक वर्ष की सजा और एक लाख 70 हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है। परिवादी वैभव सेनेटरी के प्रोप्राइटर पंकज मुरोठिया और अभियुक्त जानकी लाल जाट के बीच आपसी जान-पहचान थी। अभियुक्त ने 20 अप्रैल 2015 को अपनी आवश्यकताओं के लिए परिवादी की दुकान से 1 लाख रुपये के सेनेटरी सामान खरीदे थे। भुगतान के रूप में जानकी लाल जाट ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, चंदेरिया शाखा का 1 लाख रुपये का चेक दिया।
परिवादी ने जब उक्त चेक को अपने बैंक खाते में जमा किया, तो अपर्याप्त शेष राशि के कारण चेक बाउंस हो गया। इसके बाद, परिवादी ने अपने अधिवक्ता ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान और सत्यनारायण माली के माध्यम से रजिस्टर्ड एडी नोटिस भेजा, लेकिन अभियुक्त ने कोई भुगतान नहीं किया।
परिवादी द्वारा दायर परिवाद पर सुनवाई के बाद, न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत दोषी करार दिया और उसे एक लाख 70 हज रुपये का आर्थिक दंड देने के साथ-साथ 1 वर्ष की सजा सुनाई।