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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। निशुल्क दवा जांच उपचार मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी योजनाओं के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहे हैं। लेकिन निचले स्तर पर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। ऐसी ही तस्वीर सामने आई जब छोटीसादड़ी के जयचंद मोहिल राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद शिकायत पर कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में अवधि पर दवाई बरामद की गई है। फिलहाल कार्रवाई करते हुए तीन नर्सिंग अधिकारी को एपीओ कर दिया गया है। लेकिन पूरे मामले में जांच का विषय यह है कि इन एक्सपायरी डेट की औषधीयो से कितने समय से मरीजों का उपचार करते हुए उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा था।
इस तरह सामने आया मामला
मिली जानकारी के अनुसार 2 दिन पूर्व राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला की उपचार के दौरान तबियत बिगड़ गई थी। इसके बाद इसकी शिकायत स्थानीय भाजपा नेता और जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने विभाग के अधिकारियों और उपखंड अधिकारी को सूचित किया जिसके बाद ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय कुमार के निर्देशन में दवाओं की जांच की गई तो भारी मात्रा में एक्सपायरी डेट दवाइयां बरामद हुई है। वही इस पूरे मामले में विधायक श्री चंद कृपलानी ने पूरे मामले की जांच करते हुए मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले इस मामले में आवश्यक कार्य करने की भी निर्देश दिए हैं।
जान बचाने वाली दवाइयां भी जानलेवा
वर्तमान में पूरे देश में गर्मी का कहर जारी है और लू की चपेट में आने वाले लोग उल्टी दस्त का शिकार हो रहे हैं। लेकिन सरकार के निर्देश के बावजूद कोई गंभीरता नहीं बरती गई। जांच के दौरान गैस उल्टी दस्त की एक्सपायरी डेट दवाइयां के साथ हृदय रोगियों के लिए जान बचाने में कारगर माने जाने वाली हृदय की गति को नियंत्रित करने वाली दवाइयां भी अवधि पर पाई गई है। किसी के साथ जनरल वार्ड में सामान्य उपचार के लिए बहु उपयोगी एडीनरी इंजेक्शन भी मिला जो अवधि पर हो चुका था। ऐसे में जो दवाइयां जान बचाने के लिए काम आती है। लापरवाही के चलते मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती थी साथ ही पूरे बगल में यह भी जांच का विषय है कि अब तक कितनी अवधि बार दवाइयां को उपयोग में लिया जा चुका है।
इसलिए जानलेवा है एक्सपायरी डेट दवा
विशेषज्ञ की माने तो विभिन्न बीमारियों के लिए विभिन्न बीमारियों के लिए गहन परीक्षण के बाद दवा तैयार की जाती है, जो रासायनिक तत्वों की समुचित मात्रा का उपयोग करने के बाद जान बचाने के लिए उपयोगी साबित होती है। लेकिन समय सीमा के बाद यह रासायनिक पदार्थ अपने मूल गुण खो देता है और इसकी प्रकृति विषाक्त होकर विपरीत प्रभाव दिखने लगती है जिसके चलते कई बार रोगी की मृत्यु हो जाती है। चिकित्सक और दवा विक्रेता दवाइयां की उपयोग किए जाने की नियत अवधि तक ही दवा के उपयोग की सलाह देते हैं। ऐसे में सरकारी उपचार प्रणाली में बड़ी मात्रा में अवधि पार दवाइयां का पाया जाना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है जो रोगियों के लिए सीधे तौर पर जानलेवा है।
तीन नर्सिंग अधिकारियों को किया एपीओ
इधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद उपखंड अधिकारी प्रवीण कुमार मीणा भी चिकित्सालय पहुंचे। पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और इस पूरे प्रकरण में प्रारंभिक तौर पर प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर सुरेश कुमावत, को एपीओ किया गया है। और पूरे मामले में जांच की जा रही है।
इनका कहना है
अवधि पर दवाइयां के उपयोग की जानकारी मिली थी जिस पर जांच की गई है स्वास्थ्य केंद्र में अवधि पार दवाइयां मिली है। प्रभारी कार्मिक सुरेश कुमावत, श्रवण सिंह, शशि कला डामोर को एपीओ किया गया है और पूरे मामले में जांच की जा रही है कि यह दवाइयां जनरल वार्ड तक कैसे पहुंची जो भी दोषी होगा उसका खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. विजय कुमार गर्ग, प्रभारी एवं ब्लॉक सीएमएचओ छोटी सादड़ी