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सीधा सवाल। कपासन। "स्मार्ट फोन सुविधा कम दुविधा युक्त ज्यादा बनता जा रहा है।" ऐसे विचार ने आर.एन.टी. कॉलेज, कपासन की एनसीसी, एनएसएस, आरआरसी व रोवर स्काउटिंग इकाई के तत्वावधान में पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे साइबर क्राइम रोकथाम जागरूकता अभियान के तहत कपासन पुलिस उपअधीक्षक हरजीलाल यादव ने कहे। डिप्टी यादव ने विद्यार्थियों को मानव तृष्णा एवं पढे लिखे अज्ञानियों का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी भी अज्ञात नम्बरों से आए फोन पर कोई आधार नम्बर, ओटीपी, बैंक डिटेल नहीं देनी है। क्योंकि बैंक वाले या कोई भी विभाग आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगता है। ऐसा होने पर यह समझ ले कि यह फ्रॉड कॉल है एवं यदि किसी अज्ञानतावश फ्रॉड हो भी जाता है तो इसकी सूचना तत्काल साइबर सेल 1930 पर सूचित करें ताकि आपके साथ हुए इस आर्थिक साइबर क्राइम से निजात दिलाई जा सके। इस हेतु डिप्टी यादव ने अपने जीवन से संबंधित विभिन्न जीवंत घटनाओं को आधार बनाते हुए विद्यार्थियों को साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूक किया। उन्होंने सुरक्षित पासवर्ड संदिग्ध लिंक से बचाव एवं साइबर सतर्कता के उपाय बताए। उन्होंने ऑनलाइन ठगी के केस साझा करते हुए कहा कि व्यक्ति एक दिन में करोडपति बनने के चक्कर में या मंहगी वस्तुएं सस्ते दाम पर खरीदने के चक्कर में ठगा जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्रबन्ध निदेशक डॉ. वसीम खान ने अपने स्वयं का उदाहरण बताते हुए कहा कि कुछ साइबर अपराधियों ने मेरा फोटो लगाकर फेसबुक, वाट्सएप व इंस्टाग्राम पर फर्जी पैसे डालने का मेसेज डाला एवं कई परिवार व मित्रजनों को ठगने का प्रयास किया।
महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. एस. एन. ए. जाफरी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ मां शारदे के दीप प्रज्जवलन से हुए अकादमिक निदेशक शिवनारायण शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों से अवगत कराया। डॉ. रामसिंह चुंडावत ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन उपाचार्य डॉ. ओ. पी. सुखवाल ने किया। कार्यक्रम में एडमिन डायरेक्टर कृष्णा चाष्टा, बी.एड. प्राचार्य डॉ. निशा अग्रवाल, एनएसएस आरआरसी प्रभारी एच एल अहीर, स्टॉफगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।