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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता कार्यक्रम के तहत पंचायत समिति भदेसर के राज्यपाल द्वारा स्मार्ट गांव पहल कार्यक्रम गांव हसमतगंज में बुधवार को आयोजन किया गया। जिसमें 35 कृषक एवं कृषक महिलाओ ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषको को कृषि साहित्य कलेन्डर एवं पोषण सुधार हेतु 15 कृषको को भिंड़ी के बीज भी वितरित किये गये।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय। इस योजना के मुख्य घटकों में शामिल हैं प्रथम चरण में पीसी तथा पीएनडीटी एक्ट को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना तथा चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंग अनुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना। बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर तथा सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है। संजय कुमार धाकड़ तकनीकी सहायक ने बताया कि सरकार कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। प्रधान मंत्री मोदी ने अपने मन की बात में हरियाणा के बीबीपुर के एक सरपंच की तारीफ की जिसने 'Selfie With Daughter' पहल की शुरूआत की। प्रधान मंत्री ने लोगों से बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजने का अनुरोध भी किया और जल्द ही यह विश्व भर में हिट हो गया। भारत और दुनिया के कई देशों के लोगों ने बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजी और यह उन सबके लिए एक गर्व का अवसर बन गया जिनकी बेटियां हैं।
अन्त में शंकर लाल नाई, सेवानिवृत सहायक कृषि अधिकारी ने प्रशिक्षण में उपस्थित सभी कृषक एवं कृषक महिलाओ को धन्यवाद ज्ञापित किया।