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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रताप स्पोर्ट्स संस्थान के तत्वावधान में महानायक, प्रातः स्मरणीय, वीर शिरोमणि, हिंदवा सूर्य महाराणा प्रताप की 428वीं पुण्यतिथि पर रविवार 19 जनवरी को क्षत्रिय समाज के विभिन्न संगठनों ने प्रताप पार्क में प्रताप की अश्वारुढ़ प्रतिमा पर ध्वज पताका फहराकर प्रताप को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
प्रताप स्पोर्ट्स संस्थान के चांवड सिंह चुंडावत ने बताया कि चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के हाथों व महावीर व्यायाम शाला के कैलाश गुर्जर, प्रताप स्पोर्ट्स संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्रसिंह मुरोली, मनोज सोनी, जौहर स्मृति संस्थान के महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत, उपाध्यक्षा निर्मला कंवर राठौड़, कोषाध्यक्ष गोवर्धन सिंह भाटी, श्री क्षत्रिय युवक संघ के गंगासिंह साजियाली, भदेसर प्रधान सुशीला कंवर आक्या, दीपिका झाला, राजकंवर बड़ीखेड़ा, चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के मुकेश नाहटा, कुश्ती संघ के सचिव रतन गुर्जर, शारीरिक शिक्षक संघ के पारस टेलर, विजय सोनी, दीपक पुरोहित, जिला खेल अधिकारी रामरतन गुर्जर, भंवरसिंह नेतावलगढ़, पृथ्वीसिंह हाडा आदि की उपस्थिति में केसरिया ध्वज व फूल माला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये।
विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि स्वतंत्रता एवं स्वाभिमान के लिए महाराणा प्रताप ने उम्रभर संघर्ष किया एवं मेवाड़ को स्वतंत्र रखा। आज ही के दिन प्रताप ने अंतिम सांस ली। उन्होंने 36 कौम को साथ लेकर लड़ाई लड़ी एवं सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण पेश किया। प्रताप हमेशा अजर- अमर रहेंगे।
इस अवसर पर राजेंद्र सिंह नारेला, कान सिंह सुवावा, भगवत सिंह तंवर, दलपत सिंह चुंडावत, भंवर सिंह गेंजरा, दिलीप सिंह रुद, महिपाल सिंह भाटी, गोवर्धन सिंह पंवार, सोहन सिंह सावा, शंकर सिंह राठौड़, वीरेंद्र सिंह चौहान, बसंत सिंह चौहान ,लक्ष्मण सिंह सोलंकी, नारायण सिंह चुंडावत, रूप सिंह झाला, सत्यनारायण सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह पायरी, गोविंद सिंह राठौड़, बहादुर सिंह भाटी ,भवानी सिंह चुंडावत, लाला गुर्जर पांडोली, शिक्षक संघ के जिलामंत्री रामलक्ष्मण त्रिपाठी सहित सर्व समाज, संस्थाओं, संगठनों के पदाधिकारी गणमान्यजन उपस्थित थे।
विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने कहा कि स्वतंत्रता एवं स्वाभिमान के लिए महाराणा प्रताप ने उम्रभर संघर्ष किया एवं मेवाड़ को स्वतंत्र रखा। आज ही के दिन प्रताप ने अंतिम सांस ली। उन्होंने 36 कौम को साथ लेकर लड़ाई लड़ी एवं सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण पेश किया। प्रताप हमेशा अजर- अमर रहेंगे।
इस अवसर पर राजेंद्र सिंह नारेला, कान सिंह सुवावा, भगवत सिंह तंवर, दलपत सिंह चुंडावत, भंवर सिंह गेंजरा, दिलीप सिंह रुद, महिपाल सिंह भाटी, गोवर्धन सिंह पंवार, सोहन सिंह सावा, शंकर सिंह राठौड़, वीरेंद्र सिंह चौहान, बसंत सिंह चौहान ,लक्ष्मण सिंह सोलंकी, नारायण सिंह चुंडावत, रूप सिंह झाला, सत्यनारायण सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह पायरी, गोविंद सिंह राठौड़, बहादुर सिंह भाटी ,भवानी सिंह चुंडावत, लाला गुर्जर पांडोली, शिक्षक संघ के जिलामंत्री रामलक्ष्मण त्रिपाठी सहित सर्व समाज, संस्थाओं, संगठनों के पदाधिकारी गणमान्यजन उपस्थित थे।