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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सैनिक स्कूल में रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। स्कूल के परेड ग्राउंड में आयोजित हुए समारोह के मुख्य अतिथि स्कूल के पूर्व छात्र स्कूल नंबर 1033 कर्नल (डॉ) देव आनंद लोहमरोड़़ एवं विशिष्ट अतिथि स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया, उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव एवं प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार थे। अतिथियों के परेड ग्राउंड पहुँचने पर स्कूल के सीनियर मास्टर ओंकार सिंह ने स्वागत किया।
स्कूल के जनसम्पर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि परेड ग्राउंड पहुँचने से पहले मुख्य अतिथि ने स्कूल के परिसर में बने स्मारिका पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण कर स्कूल के आर्मी, नेवी एवं एयरफोर्स तीनो विंग टुकडियो की सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया एवं सभी कैडेट्स को देश की सेवा के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि ने सैनिक स्कूल के छात्रों की अनुशासन, समर्पण और देश की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थान देश के भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं और बहादुर सैनिकों को तैयार करते हैं, जो अपने कर्तव्यों में निष्ठा से देश की सेवा करेंगे। उन्होंने एकजुटता, विविधता और समरसता के महत्व पर जोर देते हुए एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण की आवश्यकता की बात की, जो समाज में समावेशिता और समानता को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि महिलाएँ हर क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से समाज और राष्ट्र को गर्वित कर रही हैं। चाहे वह राजनीति हो, खेलकूद हो, विज्ञान हो या फिर सेना, महिलाओं ने हर मोर्चे पर अपनी क्षमता और सामर्थ्य का परिचय दिया है। यह बदलाव एक नई दिशा को दर्शाता है, जिसमें बालिकाएँ हर स्थान पर अपनी पहचान बना रही हैं। सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्य अतिथि ने अंत में सभी से अपील की कि वे भारतीय लोकतंत्र और गणराज्य के मूल्यों की रक्षा करें और हमेशा देश की प्रगति और विकास की दिशा में कार्य करें। उन्होंने छात्रों को अपनी धरोहर पर गर्व करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर स्कूल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रसायन विज्ञान के वरिष्ट अध्यापक सी एल भंडारकऱ, सामाजिक विज्ञान के अध्यापक जयपाल सिंह शेखावत, गणित की अध्यापिका प्रिया बड़ारिया, हवलदार एम कन्नन, लिपिक अशोक कुमार सैनी, समान्य कर्मचारी नरेश कुमार जाट, सुखलाल सरगरा एवं विशाल आदि कर्मचारियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार को बधाई दी।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
राज्य के चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर स्कूल के शंकर मेनन सभागार में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्कूल के पूर्व छात्र स्कूल नंबर 1033 कर्नल (डॉ) देव आनंद लोहमरोड़ थे। स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया, उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव एवं प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी श्रीकुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि कर्नल (डॉ) देव ने इस अवसर पर कहा कि सांस्कृतिक प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ छात्र अपनी रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति और सामूहिक भावना को प्रदर्शित कर सकें। यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाती है बल्कि उन्हें यह भी सिखाती है कि टीमवर्क और समर्पण के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा और संस्कार दोनों जरुरी हैं। हमें राष्ट्र निर्माण की मनसा से कार्य करना चाहिए।
स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। इस कार्यक्रम में रसायन विज्ञान के वरिष्ट अध्यापक सी एल भंडारकर नेतृत्व में हिंदी नाटक, अग्रेजी नाटक, समूह नृत्य, वाद्य यंत्र के साथ समूह गीत, आदि की प्रस्तुतियाँ हुई। कैडेट्स ने रामायण एवं महाकाल आधारित नाटक, पद्मिनी हाउस की बालिकाओं ने सामाजिक कुरीतियों के कारण समाज में अज्ञानता, अंधविश्वास, और संकीर्ण मानसिकता पर आधारित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। कैडेटों ने अपने अनुकरणीय अंग्रेजी और हिंदी नाटकों और नृत्य से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। हिंदी नाटकों ने देशभक्ति की राष्ट्रीय भावना को जगाया। विद्यार्थियों की समूह नृत्य एवं समूह गीत प्रतियोगिताओं ने सभी दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। इस आयोजन में न केवल कैडेट्स ने अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का कोई मुकाबला नहीं है।