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15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान में पुलिस ने 4344 लोगो के चालान किये, 18 हजार से अधिक लोगो को किया जागरूक
जिले में नेशनल हाइवे पर लागू हुआ लेन ड्राइविंग नियम
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और पीड़ितों को समय पर मुआवजा दिलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) पोर्टल का पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने शुभारंभ किया। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की पूरी जानकारी को डिजिटल रूप से दर्ज करना, पीड़ितों को उचित सहायता सुनिश्चित करना और सड़क सुरक्षा में सुधार लाना है। वहीं जिले में 04 से 18 नवम्बर तक चलाये गए सड़क सुरक्षा अभियान में जिले की पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने की विभिन्न कार्यवाहियों में 4344 लोगों के चालान बनाये। जिले में नेशनल हाइवे पर लेन ड्राइविंग नियम लागू किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने आई-आरएडी/ई-डीएआर पोर्टल विकसित किया है। इसका लक्ष्य सडक दुर्घटनाओं का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है, ताकि पीड़ितों को समय पर उचित मुआवजा और अन्य लाभ मिल सके। इस पोर्टल पर दुर्घटना के कारण, जांच और अन्य संबंधित जानकारी अपलोड की जा रही है। एनआईसी के रोल आउट मैनेजर पंकज सुराणा ने बताया कि आई-आरएडी पोर्टल को ई-डीएआर के रूप में अपडेट किया गया है। जिले में अब तक 712 पुलिस कर्मियों को ई-डीएआर पोर्टल के उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जिले में पिछले पांच वर्षों में आई-आरएडी ऐप पर सड़क दुर्घटना के लगभग 2543 मामले दर्ज किए गए हैं। आई-आरएडी पोर्टल सड़क दुर्घटनाओं के 'ब्लैक स्पॉट' (अधिक दुर्घटना वाले स्थान) की पहचान करने और दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण कर उनकी रोकथाम में अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है। ई-डीएआर पोर्टल पर सड़क दुर्घटनाओं में लिप्त वाहन, दुर्घटना की परिस्थितियां और एफआईआर की जानकारी दर्ज की जाती है। सड़क दुर्घटना की जानकारी के लिए अनुसंधान अधिकारी मौके पर पहुंचकर आई-आरण्डी/ई-डीएआर एप के माध्यम से तुरन्त रिपोर्ट सीसीटीएनएस पर दर्ज करते हैं। एप के माध्यम से फोटो, वीडियो और अन्य जानकारी को अपलोड किया जाता है। यह पोर्टल आई-आरएडी से जुड़ा हुआ है। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक जानकारी सीधे ई-डीएआर पर उपलब्ध होगी।
पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले में 04 नवम्बर से 18 नवम्बर तक चलाये गए सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 112 लोगो के चालान बनाये गए, तेजगति से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 970 चालान, गलत दिशा में वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 240 चालान, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 145 चालान, बिना रिफ्लेक्टर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 610 चालान तथा बिना नम्बर प्लेट के वाहन चलाने वालों के विरुद्ध 2267 चालान जिला पुलिस द्वारा बनाये गए हैं। इस प्रकार अभियान में कुल 4344 लोगों के चालान बनाये गए हैं। सड़क उपयोगकर्ता को सड़क पर यातायात नियमों के बारे 18461 व्यक्तियों को जागरूक किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक करने व अवेयरनेस के लिए यातायात शाखा द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं।
जिले से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों को *लेन ड्राइविंग* (LANE DRIVING) नियमों की सख्ती से पालना करवाने हेतु एएसपी मुकेश सांखला के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया जाकर राजमार्ग पर वाहन चालकों को समझाईश कर लेन सिस्टम की पालना सुनिश्चित करवाई जा रही हैं। पुलिस द्वारा "लेन ड्राइविंग" की शुरुआत गंगरार से मंगलवाड़ तक की गई हैं। प्रारंभ में वाहन चालकों से समझाईश व प्रशिक्षण दिया जायेगा, इसके बाद "लेन सिस्टम" की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। 30 नवंबर तक अभियान जागरूकता का रहेगा, लेकिन उसके बाद तय लेन में न चलने पर चालान होगा। चित्तौड़गढ़ जिले में लेन ड्राइविंग नियम को अब अनिवार्य कर दिया गया है। VOC app (Voilations on Camera) के माध्यम से वीडियोग्राफी द्वारा वाहन चालकों पर निगरानी रखी जा रही हैं। हाईवे पर पोस्टर, हाईवे एंबुलेंस पर बड़े-बड़े स्टीकर और जगह-जगह पुलिस टीमों की मौजूदगी से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। तेज रफ्तार और अव्यवस्थित ड्राइविंग को नियंत्रित करने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। *लेन ड्राइविंग* का उल्लंघन करने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। ओवरस्पीडिंग पर भारी जुर्माना और साथ में गलत तरीके से ओवरटेक करने पर भी कार्रवाई होगी।
एसपी त्रिपाठी ने वाहन चालकों को अपनी सुरक्षा रखने को प्रेरित करने के लिए कहा कि वाहन में विपरीत परिस्थितियों में फंसने पर वाहन से बाहर निकलने के लिए शीशा तोड़ने के लिए अपने वाहन में कोई मजबूत औजार रखे।