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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रदेश में तीसरी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की पढ़ने और समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान शुरू किया जाएगा।
इस अभियान की शुरूआत 5 सितंबर से होगी। इसमें विभाग ने 90 दिन की कार्य योजना तैयार की है, जिसके आधार पर कमजोर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इस अभियान का समापन 5 दिसंबर होगा। इस बीच लगातार 12 सप्ताह तक क्रमवार शिक्षण कार्य कराया जाएगा। इस अभियान में उन बच्चों की पढ़ाई की कमजोरी दूर की जाएगी, जिनको विभाग के शाला संबलन व एआई आधारित ओआरएफ में अपनी कक्षा के अनुसार पढ़ने में समर्थ नहीं थे। उन्हें स्वतंत्र रूप से पढ़ने में कठिनाई होती है। इसके लिए विद्यार्थियों को तीन समूहों में बांटा गया है।
ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी शंभू लाल सोमानी ने बताया की कक्षा 3 से 8 वीं के 17476 नामांकित विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस तरह से चलेगा अभियान
विद्यालय स्तर पर प्रति कार्य दिवस दो पीरियड भाषा पठन की प्रवाहशीलता की समझ के लिए अलग से स्कूल समय सारी में निर्धारित किए जाएंगे। अन्य 6 पीरियड में पढ़ाई होगी। विद्यालय स्तर पर प्रति कार्य दिवस दो पीरियड भाषा पठन की प्रवाहशीलता की समझ के लिए अलग से स्कूल समय सारी में निर्धारित किए जाएंगे। अन्य 6 पीरियड में पढ़ाई होगी, जिससे विद्यार्थी भाषा को धारा प्रवाह समझ के साथ पढ़ने में सक्षम हो।
कमजोरी दूर करने के लिए विद्यार्थियों के 3 समूह बनेंगे
पहला समूह : इसमें ऐसे विद्यार्थी होंगे जिनको मात्राओं और अक्षरों को पहचानने में कठिनाई होती है।
दूसरा समूह : इसमें ऐसे विद्यार्थी होंगे जिनको शब्द पढ़ने में कठिनाई आती है।
तीसरा समूह : इसमें ऐसे विद्यार्थी होंगे जो वाक्यों, सरल पाठों को धाराप्रवाह नहीं पढ़ पाते और अटक-अटक कर पढ़ते हैं। इनकी क्षमता बढ़ाने के प्रयास होंगे।