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मोदी सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध - जोशी

सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वित्त मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में वर्ष 2025-26 की नई अफीम नीति पर आज महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी भी शामिल हुए।
सांसद जोशी ने अफीम किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई ठोस सुझाव रखे और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम कर रही है। “अफीम किसान हमारी अर्थव्यवस्था और परंपरा का अहम हिस्सा हैं। इसलिए अफीम नीति को भी इसी भावना से किसानों के हित में और अधिक पारदर्शी व व्यावहारिक बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है।
सांसद सीपी जोशी ने नई अफीम नीति को लेकर अनेक सुझाव दिए जिनमें
अफीम नीति को सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में ही घोषित किया जाये जिससे की किसानों को खेत तैयार करने का पर्याप्त समय मिल पाये तथा इसके साथ लाईसेंस के लिये पात्र सभी किसानों के नाम अफीम नीति घोषित होते ही ऑनलाईन प्रदर्शीत हो जाने चाहिये तथा लाईसेंस भी किसान के पास ऑनलाईन ही पंहुच जाना चाहिये।
अफीम की खेती से जुड़े सभी प्रकार के कार्यो में कोई गड़बड़ी या अनियमितताऐं नही हो इसके लिये प्रभावी मोनिटरिंग करनी चाहिये गड़बड़ी करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिये।
विभिन्न प्रकार से होल्ड किये गये लाईसेंस को 0 प्रतिशत पर बहाल किया जाये।
8/29 में आवश्यक संशोधन किया जाये, जिससे इसका दुरूपयोग ना हो पाऐं।
ऐसे किसान जो पूर्व के वर्षों में लाइसेंस हेतु पात्र थे किन्तु किसी कारण से लाइसेंस प्राप्त करने से वंचित रह गए थे उन्हें वर्ष 2025-26 में लाइसेंस प्रकिया में शामिल किया जावे।
मृतक नामांतरण प्रक्रिया को और अधिक सुगम करने की आवश्यकता है।
अफीम लाइसेंस वितरण एवं तौल प्रकिया की तारीख को 15 दिवस पूर्व ही ऑनलाइन कर दिया जावे जिससे किसान घर से ऑनलाइन तारीख देख सके जिससे अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।
सभी किसानों को समान रूप से 10 आरी के लाइसेंस जारी किया जावे।
वर्तमान समय में जब कृषको को लाइसेंस मार्फीन के आधार पर दिए जा रहे है तो ऐसी स्थिति में कच्चे तोल की अनिवार्यत निरर्थक है।
सीपीएस पद्धति अन्तर्गत फसल तैयार होने के पश्चात किसान स्वयं डोडा तोड़कर मुखिया को वजन नोट करा देवे जिससे किसान व विभाग के अधिकारीयों का समय बचेगा और अनावश्यक परेशानियों से बचा जायेगा।
ऐसे सभी किसान जो एनडीपीएस प्रकरण मे दोष मुक्त हो गये उन किसाने भाइयों को भी लाइसेंस प्रकिया मे जोडा जाए।
वर्ष 1998.99 में किसान भाइयों को नवीन लाइसेंस प्राप्त हुए थे परंतु उक्त वर्ष 1999 में प्राकृतिक आपदा के कारण फसल उत्पादन सही नहीं हो पाया था जिससे अधिकतर किसानों के लाइसेंस रुक गए थे ऐसे सभी किसानों को आगामी अफीम नीति में शामिल किया जावे।
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि अफीम नीति का उद्देश्य किसानों को मजबूत करना और उनकी मेहनत का सम्मान है। इस बार की अफीम नीति में भी किसानों को न्याय, पारदर्शिता और बेहतर मूल्य की गारंटी मिलेगी।