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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। अनुसुचित जाति उपयोजना क्षैत्र परियोजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़गढ में एक दिवसीय संस्थागत कृषक प्रशिक्षण कृषि रसायनो का
गणना द्वारा छिड़काव तकनीकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित यह संस्थागत प्रशिक्षण में कृषि रसायनो का
गणना द्वारा छिड़काव तकनीकी पर आधारित था जिसमें जिले की बेगूं पंचायत समिति के गांव पारसोली से 30 अनुसुचित जाति कृषक एवं कृषक
महिलाओ ने भाग लिया। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ रतन लाल
सोलंकी ने किसानों को प्रशिक्षण का महत्व व कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी एवं खरीफ व रबी फसल में कीट नियत्रण एवं
बीमारी में कृषि रसायन के छिड़काव का घोल तैयार करने हेतु रसायन की मात्रा प्रति लीटर की गणना करना सिखाया, फसलो में घोल दवा का प्रयोग
करने का प्रायोगिक तरीका समझाया ताकि किसान अपने खेतो में लगी फसलो
में कीट एवं बिमारियो के नियत्रण हेतु सही दवा की मात्रा का प्रयोग कर
सके।
दीपा इन्दौरिया, कार्यक्रम सहायक ने कृषक महिलाओं को
पोषाहार वाटिका के प्रबंधन एवं दैनिक आहार में उपयोग आने वाले
फल एवं सब्जियों के महत्व के बारे में बताया। संजय कुमार धाकड़,
तकनीकी सहायक ने किसानों को फसलो में खरपतवारो को नियत्रंण करने
हेतु विभिन्न रसायन एवं उनकी मात्रा प्रति हैक्टर प्रयोग की गणना के
बारे में विस्तार से बताया साथ ही जैविक खेती के विभिन्न आयाम पर
प्रकाश डाला। प्रशिक्षण में आये प्रशिक्षणार्थियों को शंकर लाल
नाई, सहायक कृषि अधिकारी (सेवानिवृत) ने केवीके फार्म पर भ्रमण
करवा कर केविके फार्म पर लगी विभिन्न इकाईयों - वर्मीकम्पोस्ट,
मुर्गीपालन व बकरी युनिट, माॅर्डन नर्सरी एवं केविके फार्म पर फसलों
एवं विभिन्न बगीचे का अवलोकन करवाकर तकनीकी जानकारी दी।
अन्त में केन्द्र के संजय कुमार धाकड़, तकनीकी सहायक ने
प्रशिक्षण में पधारे सभी कृषक एवं कृषक महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित
किया।