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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शासन एवं सेवा वितरण को सुदृढ़ बनाने तथा जनजातीय समाज के विकास को गति देने के उद्देश्य से आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया गया है। इसी क्रम में बुधवार को जिला कलक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में रावतभाटा के अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं नगर परिषद प्रशासक विनोद मल्होत्रा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पुरोहित सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, मास्टर ट्रेनर डॉक्टर शिवानी, यशवंत कंवर (एसीएफ), शोभा सिंह (XEN PHED), दिनेश कुमार विजयवर्गीय (अतिरिक्त विकास अधिकारी) एवं जगदीश चंद्र खटीक (सहायक विकास अधिकारी) उपस्थित रहे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति परिवारों को विकास एवं कल्याण हेतु 17 विभागों की 25 प्रमुख योजनाओं से जोड़ना है। जिले के 7 ब्लॉकों के 158 आदिवासी बहुल ग्रामों में सड़क, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं की पहुँच सुनिश्चित करना लक्ष्य है। उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों से अपील की कि वे प्रशिक्षण लेकर अपनी विभागीय योजनाओं की जानकारी ग्राम स्तर तक पहुंचाएं।
मास्टर ट्रेनर डॉक्टर शिवानी ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर 35 ट्रेनर तथा प्रत्येक ग्राम से न्यूनतम 20 "आदि साथी-सहयोगी" तैयार किए जा रहे हैं। इनमें पंचायत सचिव, स्वसहायता समूह सदस्य, युवा, पंच, फ्रंटलाइन कर्मचारी एवं सेवाभावी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये सहयोगी गांव-गांव जाकर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे और ग्राम विकास योजना बनाने में सक्रिय योगदान देंगे।
अभियान के अंतर्गत प्रत्येक चिन्हांकित ग्राम में आदि सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों से ग्रामीणों को शासन की सभी योजनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी।
अंत में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक ने उपस्थित अधिकारियों एवं प्रशिक्षकों को आदि कर्मयोगी अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु शपथ दिलाई।