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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। राजकीय कन्या महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में नीति से परिवर्तन तक - राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पांच वर्ष विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ गौतम कुमार कूकड़ा ने कन्या महाविद्यालय की उपलब्धियों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कन्या महाविद्यालय में क्रियान्वयन का उल्लेख करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करते हुए स्व का बोध करवाना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय कन्या महाविद्यालय अजमेर के प्राचार्य और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज बहरवाल ने मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता, पृष्ठभूमि, क्रियान्वयन और समस्याओं का वर्णन करते हुए कहा कि बदलते समय के अनुसार इस शिक्षा नीति की प्रासंगिकता बढ़ गयी है इसी कारण इस नीति में भारतीय ज्ञान परम्परा और प्राचीन शिक्षण प्रणाली को भी समाहित किया गया है। प्रो बहरवाल ने हल्दीघाटी युद्ध का उदाहरण देते हुए भारतीय इतिहास में भ्रामक और असत्य घटकों के निवारण पर भी जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ श्याम सुन्दर पारीक ने किया। महाविद्यालय इकाई सचिव डॉ लोकेश जसोरिया ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन का खाका प्रस्तुत किया। इस विचार गोष्ठी में डॉ सीएल महावर, रेखा मेहता, डॉ ज्योति कुमारी, डॉ अंजु चौहान, जयश्री कुदाल, रिंकी गुप्ता, शंकर बाई मीणा, डॉ प्रीतेश राणा, डॉ गोपाल लाल जाट, कौशल, दिव्या चारण, वन्दना शर्मा सहित अनेक छात्राओं ने भाग लिया।