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जीएसटी सरलीकरण बढ़ती अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर, आसान होगा कारोबार, सस्ती होंगी जरूरी चीजे - जोशी
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौडगढ़ सांसद सीपी जोशी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़े सुधार के रूप में दर संरचना को केवल दो टैक्स स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत तक सीमित करने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम न केवल व्यापार जगत को सरलता देगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी सीधा लाभ मिलेगा।
सांसद सीपी जोशी ने खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विशेष आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय ’’एक राष्ट्र, एक कर’’ की परिकल्पना को और मजबूती प्रदान करेगा। सांसद सीपी जोशी ने कहा कि जीएसटी दरों का सरलीकरण, कर संरचना में स्थिरता और पारदर्शिता लाएगा। आवश्यक वस्तुएँ जैसे खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ी सामग्रियां कम टैक्स स्लैब में आने से आम नागरिकों को राहत मिलेगी। बीमा के क्षेत्र में कम दरें 2047 तक सभी के लिए बीमा मिशन को समर्थन प्रदान करेंगी, जिससे सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सुधार होगा। उद्योग और व्यापार जगत में दीर्घकालिक निवेश और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। इस ऐतिहासिक निर्णय से किसानों, कारीगरों, वस्त्र उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा, मार्बल ग्रेनाइट समेत खनिज आधारीत उद्यम और 2 पहिया, 3 पहिया, 4 पहिया ऑटोमोबाइल व वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र समेत अनेक क्षेत्रों को सीधा लाभ होगा। उल्टे शुल्क को ठीक करने से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएँ सस्ती होंगी, जिससे मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक चक्र बनेगा। सांसद सीपी जोशी ने कहा कि जीएसटी की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर दर संरचना को सरल बनाना केंद्र सरकार की दूरदर्शिता और जनहितकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह कदम निश्चित ही देश की आर्थिक गति को और बल प्रदान करेगा। सांसद सीपी जोशी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ’’नए भारत के लिए एक क्रांतिकारी कानून’’ है। इस क्रांतिकारी कराधान प्रणाली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जीएसटी ने कर संरचनाओं को सरल बनाया, उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया, तथा पूरे देश में एक समान दरों और अनुपालन एवं प्रवर्तन के लिए एकीकृत प्रक्रियाओं के माध्यम से नागरिकों को सीधे लाभान्वित किया।
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी, कोई एक समान दरें नहीं थी और राज्यों के द्वारा अतिरिक्त शुक्ल लगाने से सामंजस्य बिगड़ता था। राज्यों में कर रिटर्न, ऑडिट या जुर्माने में कोई एकरूपता नहीं थी, जिससे अनुपालन का बोझ बढ़ता था। कमज़ोर इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रावधानों के कारण दुरुपयोग संभव था, जबकि केंद्रीय निगरानी की कमी के कारण कर चोरी की गुंजाइश थी। सेवा कर के साथ दोहरा कराधान, बार-बार दरों में बदलाव और अलग-अलग ढाँचों ने विकृतियाँ पैदा कीं। इसलिए राज्यों को समझाने के बाद जीएसटी लाया गया।