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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। महाराणा प्रताप कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय, उदयपुर तथा कट्स, चितौड़गढ़ द्वारा ग्राम पिण्ड में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित परियोजना के तहत किसान प्रशिक्षण का अयोजन किया गया। महाराणा प्रताप कृषि विश्विद्यालय के डॉक्टर राम अवतार कौशिक ने कहा की किसानों को आय बढ़ाने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाना होगा और कहा की फसलों के साथ अगेती सब्जियों की खेती, फलदार पौधे, पशुपालन, मुर्गीपालन को अपना कर किसान आमदानी में काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. के. डी. आमेटा, प्रोफेसर राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने किसानों को सब्जियों का उचित बुवाई का समय, बीज उपचार, कीट एवम रोग उपचार और पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में बताया, उन्होंने ने किसानों को सब्जियों के बेहतर दाम लेने के तरीकों के बारे में भी बताया।उन्होंने फलदार बगीचा लगाने पर, सब्जियो की जैविक खेती आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। डॉक्टर सिद्धार्थ मिश्रा, प्रोफेसर राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने किसानों को पशुओं में चारा प्रबंधन, रोग प्रबंधन के साथ दूध उत्पादन को कैसे बड़ाया जा सकता है । उन्होंने पशुओं में मिनरल मिक्सचर के का महत्व बताया और कहा की उचित नस्ल के पशुओं को ही पाले। प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर आदर्श शर्मा ने बताया की इस परियोजना विश्विद्यालय द्वारा चित्तौड़गढ़ जिले में चलाई जा रही हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य खेती में छोटे यंत्रों के उपयोग से मेहनत को कम करना, समन्वित कृषि प्रणाली के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना, तथा मूल्य संवर्धन के माध्यम से सीताफल एवम सोयाबीन के उत्पादों को तैयार करवाना है। कलश बीज कंपनी के जगदीश यदुवंशी ने फसलों के उन्नत किस्मों की जानकारी दी।
कट्स मानव केन्द्र, चित्तौड़गढ़ के गौहर महमूद ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कुल 50 कृषको ने भाग लिया गया। कार्यक्रम के अंत में देवीलाल मेनारिया व एफपीओ सीईओ गोपाल डांगीने सभी किसानो का धन्यवाद व्यक्त किया तथा किसानों को ज्यादा से ज्यादा उन्नत तकनीक अपनाने व एफ पी ओ से जुड़ने का आह्वान किया। । कार्यक्रम में कमलेश, लक्ष्मीबाई जाटव गायत्री देवी सहित अन्य किसान उपस्थित थे।