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सीधा सवाल। चितौडगढ। जिला कलक्टर आलोक रंजन के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण इकाई, चित्तौड़गढ़ द्वारा यूनिसेफ, राजस्थान के सहयोग से शुक्रवार को बाल दिवस के अवसर पर दीक्षा कियेशन्स सोसायटी के सहयोग से आर. एन.टी. कॉलेज चितौडगढ मे आयोजित बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, जागरूकता कार्यशाला को संम्बोधित करते हुए यूनिसेफ राजस्थान के राज्य बाल संरक्षण विशेषज्ञ संजय निराला ने कहा कि समाज का प्रत्येक वर्ग यदि शिक्षित एवं जागरूक हो जाता है तो बाल विवाह जैसी कुरिति को रोका जा सकता है। उन्होने बीएड कॉलेज की शिक्षा अध्यापिकाओं एवं महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला अधिकारिता विभाग के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के जनसामान्य को बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं विधिक प्रावधानो से अवगत करावे ताकि वे बाल विवाह के विरूद्ध जन माहौल तैयार करने में सहभागी बन सके। उन्होने चितौडगढ जिले मे सतत् रूप से बाल विवाह निषेध के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए प्रतिभागियों को बाल विवाह निषेध एवं जागरूकता की शपथ भी दिलवायी ।
कार्यशाला मे यूनिसेफ के बाल संरक्षण सलाहकार अजीत जोशी, तथा कपिल देव प्रसाद ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के विधिक प्रावधानों, दुष्परिणामों एवं बाल विवाह शून्यकरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन एवं वीडियो फिल्म के माध्यम से बाल विवाह के विरूद्ध ज्ञानवर्द्धक जानकारी भी प्रदान की । विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह कानूनन अपराध है, जिसकी सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 पर दे सकता है।
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ओम प्रकाश तोषनीवाल ने बताया की जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जिले मे बाल विवाह निषेध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही उन्होने बच्चो के हितों के संरक्षण के लिए संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या महिला हेल्पलाइन 181 की भी जानकारी दी।
दीक्षा कियेशन्स सोसायटी के समन्वयक गौरव त्यागी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 150 से अधिक बालिकाए, विभिन्न विभागों के कार्मिकों एवं जनप्रतिनिधिगण भाग ले रहे है जो बाल विवाह से संबंधित कानून, उसके दुष्परिणाम और रोकथाम के उपायों की जानकारी प्राप्त कर जिले मे बाल विवाह को रोकने हेतु अपनी सक्रिय सहभागीता सुनिश्चित करेंगे।
कार्यशाला में अधीक्षक राजकीय संम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह चन्द्र प्रकाश जीनगर, डॉ मधुबाला शर्मा, डॉ चंचल राठौर, हिमांशु तिवारी, शिखा सक्सेना, रउफ अहमद, मनीष सोनी, शिक्षा विभाग से लोकेश सोनी, महिला एंव बाल विकास विभाग से किरण शर्मा, कांन्ता सुखवाल, चंन्दा नुवाल, सम्पत शर्मा, रजनी शर्मा, महिला अधिकारिता विभाग से नेहा शर्मा, चाईल्ड हेल्प लाईन समन्वयक नवीन काकडदा, काउन्सलर करण जीनवाल, गायत्री सेवा संस्थान के अब्दूल वहिद, शोभा गर्ग, गोंविन्द सिंह, जनसाहस संस्थान से सन्दीप कुमार, शान्ति लाल डांगी, बीएड एवं एसटीसी की बालिकाए उपस्थित थीं। कार्यशाला मे प्रभावी प्रजेन्टेशन देने वाली प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।